Power of Collectors: मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री नि:शक्तजन विवाह योजना के तहत हितग्राहियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य शासन ने 2 लाख रूपये तक की प्रोत्साहन राशि स्वीकृत करने के अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदान कर दिये हैं। प्रमुख सचिव, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण सशक्तिकरण श्रीमती सोनाली वायंगणकर ने बताया कि दिव्यांगों को विवाह करने के लिये विभाग द्वारा मुख्यमंत्री नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना संचालित की जा रही है।
इस योजना में विवाह करने वाले दम्पती में अगर एक व्यक्ति दिव्यांग होता है तो राज्य सरकार दो लाख रूपये तथा दम्पत्ति में दोनों दिव्यांग होते हैं तो एक लाख रूपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान करती है। इस योजना में हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि आसानी से प्राप्त हो सके, इस उद्देश्य से राशि स्वीकृति के अधिकार जिला स्तर पर अब कलेक्टर को दिये गये हैं। कलेक्टर निराश्रित निधि की मूल राशि या ब्याज की राशि से प्रोत्साहन राशि स्वीकृत कर सकेंगे।
योजना का यह है उद्देश्य
दिव्यांग व्यक्तियों के सामाजिक पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिये निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा प्रारम्भ की गई है। योजनान्तार्गत युवक के दिव्यांग होने पर सामान्य युवती से तथा युवती के दिव्यांग होने पर सामान्य युवक से विवाह होने पर राशि 2,00,000 रूपये प्रोत्साहन राशि तथा युवक एवं युवती दोनों के दिव्यांग होने पर संयुक्त रुप से 1,00,000 रूपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
योजना का लाभ लेने यह शर्तें करना होता है पूरी
- 40 या उससे अधिक दिव्यांगता हो।
- आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो।
- आवेदक के लिये 21 वर्ष तथा आवेदिका के लिये 18 वर्ष की आयु पूर्ण हो गई हो।
- विवाह धार्मिक रीति/सामाजिक रीति या सक्षम न्यायालय द्वारा कानूनी रूप से विहित किया गया हो।
- आवेदक/आवेदिका आयकरदाता न हो।
- निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ प्राप्त के करने के लिये दिव्यांग दंपत्ति में से किसी एक को आवेदन पत्र विवाह संपन्न होने के एक वर्ष की अवधि के भीतर आवेदन करना होगा, अन्यथा निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता नहीं रहेगी ।