New rules of colony in MP: मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद द्वारा शहरी क्षेत्र में रियल स्टेट से संबंधित निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए “एकीकृत टाउनशिप नीति 2025” लागू किये जाने की स्वीकृति दी गयी है। इससे राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढावा मिलेगा एवं रोजगार के अवसर सृजित होंगे और राज्य की जीडीपी में वृद्धि होगी। एकीकृत टाउनशिप नीति लैंड पूलिंग के माध्यम से भूमि का विकास करने के उद्देश्य से बनायी गयी है। नीति के लागू होने से जहां एक ओर वृहद स्वरूप की टाउनशिप विकसित होगी, वहीं दूसरी ओर प्रचलित प्रक्रिया अनुसार भी कॉलोनियों का विकास यथावत होता रहेगा। मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सिविल एविएशन पॉलिसी-2025 का अनुमोदन भी कर दिया है।
मंत्रि-परिषद के निर्णय अनुसार एकीकृत टाउनशिप को विकास के उन क्षेत्रों में लागू किया जाएगा जहां इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस नीति में 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए भूमि की न्यूनतम अर्हता 10 हेक्टेयर और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए भूमि की न्यूनतम अर्हता 20 से 40 हेक्टेयर होगी। डेवलपर को इस नीति में सक्षम प्राधिकारी के साथ पंजीयन कराना आवश्यक होगा। टाउनशिप प्रस्ताव अनुमोदन के लिए राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव एवं जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में साधिकार समिति गठित की जायेगी। टाउनशिप नीति के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश होगी।
राज्य सरकार द्वारा किये जायेंगे यह कार्य
टाउनशिप नीति में राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण, बाह्य विकास कार्य, समय पर समस्त अनुमतियां प्रदाय कराना, टीडीआर का लाभ, कृषि भूमि की अधिकतम सीमा में छूट, स्टॉम्प ड्यूटी पर रियायत, कॉलोनी नियमों में छूट, विकास योजना में संशोधन के लिए प्रक्रिया में आसानी, ग्रीन एफएआर, ऊर्जा के गैर-परंपरागत उपयोग के लिए एफएआर, अतिरिक्त ईडब्ल्यूएस/एलआईजी/किफायती आवास इकाइयों के लिए एफएआर तथा अंगीकृत विकास योजना में प्रस्तावित भूमि उपयोग में अधिनियम 1973 की धारा-23 के अंतर्गत उपांतरण के लिए विभाग स्तर पर साधिकार समिति को अधिकृत किया गया है। नीति से प्रदेश में व्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
छोटी कालोनियों में नहीं रहती सुविधाएँ
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में डेवलपर द्वारा कॉलोनियों का विकास छोटी-छोटी भूमियों पर किया जा रहा है, जिससे नगर स्तर की अधोसंरचनाएं विकसित नहीं हो पाती है। प्रचलित नियमों में कॉलोनियों के विकास के लिए नियमों में न्यूनतम क्षेत्र का बंधन नहीं है इसके परिणामस्वरूप विकास के लिए नगरीय भूमि की मांग और आपूर्ति में तेजी से उतार-चढ़ाव होता है जिससे बुनियादी ढांचे और किफायती आवास के विकास में होने वाली देरी को रोकने के लिये “एकीकृत टाउनशिप नीति” लागू की जा रही है।
मध्यप्रदेश सिविल एविएशन पॉलिसी-2025 का अनुमोदन
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश में नये वायु मार्गों का विकास करने और देश के अन्य हिस्सों तथा दुनिया के साथ राज्य के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक स्थानों को जोड़कर पर्यटन/धार्मिक एवं औद्योगिक क्षेत्रों की पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार की उड़ान (राष्ट्रीय नागर विमानन प्रोत्साहन नीति) योजना के समन्वय से मध्यप्रदेश सिविल एविएशन पॉलिसी-2025 का अनुमोदन दिया गया हैं। इससे व्यापार और रोजगार के अवसरों के सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
प्रत्येक 75 किमी पर होगी हवाई पट्टी
मध्यप्रदेश राज्य भौगोलिक दृष्टि से बड़ा है, देश के मध्य में स्थित होने से यहां औद्योगिक, पर्यटन धार्मिक क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। नीति के तहत राज्य के सामाजिक, आर्थिक विकास को गति देने के लिये आधुनिक, किफायती, सुलभ, सुरक्षित एवं निवेश-अनुकूल विमानन इको सिस्टम विकसित किया जायेगा। विमानन नीति के माध्यम से भविष्य में 3 एमआरओ हब विकसित करने का प्रयास किया जायेगा। साथ ही 75 कि.मी. के दायरे में एक हवाई पट्टी और 150 कि.मी के दायरे में एक हवाई अड्डा विकसित किया जाएगा एवं प्रत्येक तहसील स्तर पर 45 कि.मी. के दायरे में कम से कम एक पक्का हेलीपेड विकसित किया जायेगा। राज्य की पर्यटन/धार्मिक महत्व के स्थलों को वर्ष 2030 तक मजबूत एवं किफायती दामों में हवाई सम्पर्क से जोड़ा जायेगा।
कृषि क्षेत्र को भी होगा इससे लाभ
विमानन क्षेत्र को प्रोत्साहन देकर प्रदेश में कृषि उत्पादों के निर्यात, अन्य क्षरण योग्य वस्तुओं (पेरिशेवल वस्तुओं) के निर्यात, विनिर्माण और ई-कॉमर्स कारोबार को बढ़ावा देने के साथ, कुशल मानव संसाधन विकसित करने एवं प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष और रोजगार के अवसर सृजित करने में सहायता मिलेगीं। राष्ट्रीय नागर विमानन प्रोत्साहन नीति-2016 की परिकल्पना को साकार करने के लिये मध्यपदेश नागर विमानन नीति-2025 एक पहल है।