MP’s new metropolis: तीन दर्जन से ज्यादा गांवों को मिलाकर बनाया जाएगा मध्यप्रदेश में एक नया महानगर

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MP’s new metropolis: मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शहरों और गांवों के विकास पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए शहरों को जहां महानगर का रूप दिया जा रहा है तो वहीं गांवों को भी इनसे जोड़ा जा रहा है। इससे गांवों में भी शहरों की तरह बुनियादी ही नहीं बल्कि आधुनिक सुविधाएं भी हासिल हो सकेगी। इस कवायद में फिलहाल भिंड सबसे आगे चल रहा है। जल्द ही यह शहर महानगर के रूप में विकसित होगा। इसके लिए विकास कार्यों की रूपरेखा बन रही है।

दरअसल, भिंड शहर को महानगर के रूप में विकसित किए जाने की योजना है। इसके लिए इसे नगर निगम का दर्जा देकर डेवलप करने की प्लानिंग है। भिंड को महानगर या नगर निगम बनाने के लिए इसके आसपास के 38 गांवों को भी नगर निगम की सीमा में शामिल किया गया है। इस संबंध में अक्टूबर 2023 में ही राजपत्र का प्रकाशन किया जा चुका है।

यह गांव किए जाएंगे निगम में शामिल

भिंड नगर निगम में दबोहा, डिड़ी, विरधनपुरा, रहला, बबेड़ी, बाराकलां, जामपुरा, अतरसूमा, कीरतपुरा, चंदनपुरा, मंगदपुरा, चंदूपुरा, खादरगऊ घाट, लक्ष्मीपुरा, हैबदपुरा, कुमरौआ, रछेड़ी, जामना, चरथर, रतनूपुरा, मानपुरा, दीनपुरा, बिजपुरी, भटमासपुरा, सालिंगपुरा, बिल्हौरा, धरई, नालीपुरा, पुर, सायपुरा, भुजपुरा, कुसमार, उदोतपुरा, मिहोनी, मुड़ियाखेरा, बक्सीपुरा, कुरथरा, जवासा गांव शामिल होंगे। निगम बनने के बाद इनके विकास को भी रफ्तार मिल सकेगी। ग्रामीणों को शहरों जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी।

सीमांकन नहीं होने से अटका विकास

राजपत्र का प्रकाशन होने के बावजूद अभी 24 पंचायतों के यह 38 गांव संपदा पोर्टल पर दर्ज नहीं हो पाए हैं। इसके पीछे कारण यह है कि कई बार दल गठित होने के बावजूद इन गांवों का अभी तक निगम के लिए सीमांकन नहीं हो सका है। इससे इन गांवों के विकास और भिंड को नगर निगम बनाने की प्रक्रिया भी अटकी है। इसके लिए नगर पालिका, राजस्व, डूडा और भू-अभिलेख शाखा के बीच पत्राचार जारी है।

स्टाम्प ड्यूटी की शुरू हो गई वसूली

इधर भले ही अभी भिंड नगर निगम नहीं बन सका है, लेकिन जिन गांवों को नगर निगम में शामिल होना है, वहां जमीन या प्लॉट की खरीदी-बिक्री पर स्टांप ड्यूटी नगर निगम सीमा के अनुसार ही वसूली जा रही है। इन गांवों में 3 प्रतिशत अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क वसूल किया जा रहा है। दरअसल, नियम यही है कि जैसे ही राजपत्र में यह गांव निगम में शामिल कर लिए जाते हैं, वैसे ही नगरीय क्षेत्र की स्टाम्प ड्यूटी तय हो जाती है।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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