MP Breaking News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश वन्य जीवों से समृद्ध है। शेर, बाघ, चीता, सांभर, हाथी सभी यहां उपलब्ध हैं। वन्य जीवों के कल्याण के लिए सभी प्रयास किए जाएं। प्रदेश के वनों में रह रहे हाथियों के कल्याण की भी चिंता करें। इनके भोजन की व्यवस्था करें। घास के मैदान बनाएं ताकि वे भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्रों में यहां-वहां न भटकें। इससे किसानों की फसल हानि भी रूकेगी और मानव-हाथी के बीच टकराव की स्थिति के स्थान पर साहचर्य की भावना विकसित होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति की 15वीं आमसभा की बैठक की अध्यक्षता कर यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
इसके लिए जहां बेहतर सुविधा उपलब्ध हो वहां वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर कम जू स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार, सेंट्रल जू अथॉरिटी व अन्य वन्य जीव संस्थानों से मार्गदर्शन लेकर इस दिशा में आगे बढ़ें। वन्य जीवों को खुले में देखना पर्यटकों के लिए सदैव सहज आकर्षण का केन्द्र होता है और मध्यप्रदेश में इस दिशा में कार्य कर वन्य जीव पर्यटन को एक नई दिशा की ओर ले जाएं।
नीलगाय-कृष्ण मृग अन्यत्र किए जाएंगे स्थानांतरित
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में किसानों को जंगली पशुओं से होने वाली फसल हानि को रोकने के लिए विशेष कार्य योजना बनाई गई है। फसल हानि करने वाली नीलगायों एवं कृष्णमृगों (ब्लैक बक) को पकड़कर अन्यत्र स्थापित किया जाएगा। इन वन पशुओं को पकड़ने के लिए रॉबिन्सन 44 नामक हेलीकॉप्टर किराये पर लिया जाएगा। इसके लिए ई-टेंडर के जरिए निविदाएं भी आमंत्रित की गई हैं। किन्तु तीन निविदाएं बुलाने के बावजूद अभी तक वांछित हेलीकॉप्टर एवं अनुभवी पॉयलट की निविदा प्राप्त नहीं हुई है।
इसलिए कैप्चर ऑपरेशन पूरा करने के लिए रॉबिन्सन 44 हेलीकॉप्टर या इसके समकक्ष विमान उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख सचिव विमानन से अनुरोध किया गया है। हेलीकॉप्टर उपलब्ध होने पर नीलगाय और ब्लैक बक कैप्चर कार्य तत्काल प्रारंभ कर दिया जाएगा, इससे किसानों की फसल हानि रूकेगी।
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वनकर्मियों को समिति देगी 5 लाख रूपए तक आर्थिक सहायता
प्रदेश के अंतर्गत संरक्षित क्षेत्रों/वनमंडलों में कार्यरत वनकर्मियों की वन्य जीव संरक्षण/रेस्क्यू कार्यों में आकस्मिक दुर्घटनाओं के दौरान गंभीर रूप से घायल होने पर वनकर्मियों को उपचार के लिए तात्कालिक राशि की आवश्यकता होती है, ऐसी स्थिति में अन्य मदों से राशि न उपलब्ध होने की स्थिति में प्रत्येक प्रकरण में उपचार के लिए तात्कालिक आर्थिक सहायता 5 लाख रूपए की राशि तक एवं आवश्यक होने पर एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक राशि का भुगतान मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति के अंतर्गत वन्यजीव संरक्षण योजनाओं अंतर्गत स्वीकृत कॉपर्स फंड से किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया। बैठक में समिति द्वारा प्रस्तावित अन्य विकास कार्यों एवं प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया गया।
बैठक में यह रहे प्रमुख रूप से मौजूद
बैठक में मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति के सदस्य विधायक हेमंत खंडेलवाल, मोहन नागर, अन्य सदस्यों सहित मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, चीफ वाईल्ड लाईफ वार्डन व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।