Mega Road Projects MP: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे मंडीदीप को सीधे इंदौर से जोड़ने के लिए प्रस्तावित भोपाल पश्चिमी बायपास रोड प्रोजेक्ट पर आफत के बादल मंडरा रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि 3000 करोड़ रुपये का यह मेगा प्रोजेक्ट रद्द किया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट को लेकर कई शिकायतें हुई थीं और कई गंभीर आरोप भी लग चुके हैं। इसी के चलते इस प्रोजेक्ट के रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है।
‘नईदुनिया’ ने इस प्रोजेक्ट को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट दी है। ‘नईदुनिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक 3000 करोड़ रुपये की लागत से मंडीदीप को सीधे इंदौर से जोड़ने के लिए 41 किलोमीटर लंबा मार्ग बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए रायसेन और भोपाल जिले की करीब 250 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करना होगा। भूमि अधिग्रहण के लिए दोनों जिलों के कलेक्टरों को 100-100 करोड़ रुपये की राशि भी दी जा चुकी है।
मार्च 2025 तक पूरा होना है यह कार्य
यह बात अलग है कि निविदा होने के बावजूद अब तक जमीन का अधिग्रहण नहीं हो सका है। वहीं जो अनुबंध हुआ है, उसके अनुसार मार्च 2025 तक यह कार्य पूरा होना है। इस मार्ग में 6 किलोमीटर वन क्षेत्र भी है। अब रातापानी को टाइगर सेंचुरी भी घोषित कर दिया है। ऐसे में इसके लिए विधिक परीक्षण भी कराया जाना होगा कि रास्ता कैसे निकाला जाएं।
यह गंभीर आरोप भी लग रहे
नईदुनिया की रिपोर्ट के अनुसार इस प्रोजेक्ट पर यह गंभीर आरोप भी लग रहे हैं कि इस रोड के लिए जो क्षेत्र तय किए गए हैं, उस पर अफसरों और नेताओं ने पहले से जमीन खरीद रखी है। चुनिंदा लोगों को उपकृत करने के लिए इस मार्ग को प्रभावित किया गया। हाल ही में हुई आयकर विभाग और लोकायुक्त की कार्रवाई के दायरे में आए लोगों के निवेश भी इस क्षेत्र में होने की बात सामने आई है।
चार अफसरों की समिति कर रही परीक्षण
इस बारे में शिकायतों के बाद इस प्रोजेक्ट पर सवालिया निशान खड़े हुए। वहीं उच्च स्तर से इस प्रोजेक्ट के दोबारा परीक्षण के निर्देश मिले थे। इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने चार अफसरों की टीम परीक्षण के लिए बनाई है।
जब यह प्रोजेक्ट तो फिर इसकी क्या जरुरत
इस प्रोजेक्ट पर सवाल उठने का सबसे बड़ा कारण भोपाल से इंदौर तक बनने वाला एक्सप्रेसवे भी है। जानकारों का कहना है कि इस एक्सप्रेसवे में ही इस बायपास को भी शामिल किया जा सकता है। इससे इस बायपास पर अलग से राशि करने की जरुरत ही नहीं है। एक्सप्रेसवे में बायपास के हिस्से को शामिल करने से मंडीदीप से देवास-इंदौर जाने वालों को भोपाल में एंट्री ही नहीं करना पड़ेगा। इन्हीं सबके चलते यह संभावना जताई जा रही है कि यह प्रोजेक्ट ही रद्द किया जा सकता है।