Bhopal-Indore Expressway: मध्यप्रदेश की राजनीतिक राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर के बीच कनेक्टिविटी अब और बेहतर हो जाएगी। भोपाल-इंदौर के बीच जल्द ही एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। इससे जहां इन दोनों प्रमुख शहरों के बीच की दूरी कम हो जाएगी वहीं दूसरी ओर सफर में भी अभी से कम समय लगेगा। एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करने के लिए टेंडर भी जारी कर दिए हैं।
भोपाल-इंदौर एक्सप्रेसवे (ग्रीनफील्ड कॉरिडोर) बनाने की योजना वैसे तो वर्ष 2019 में कांग्रेस सरकार के समय बनी थी, लेकिन उसी दौरान सरकार बदल जाने से यह योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई थी। हालांकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे प्राथमिकता देते हुए इस प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू करवाया है। इसी के चलते इस प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू करने की गतिविधियां तेजी से चल रही है।
इतनी कम होगी दोनों शहरों की दूरी
इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 15000 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। यह 6 लेन का होगा। भोपाल-इंदौर एक्सप्रेसवे के बनने से दोनों शहरों के बीच की दूरी भी करीब 40 किलोमीटर कम हो जाएगी। अभी इन दोनों शहरों की दूरी 195 किलोमीटर है। इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह दूरी 157 से 160 किलोमीटर के बीच हो जाएगी। दूरी कम होने की मुख्य वजह यह रहेगी कि यह देवास होकर नहीं जाएगा।
समय के साथ ही ईंधन भी बचेगा
भोपाल से यह एक्सप्रेसवे साउथ वेस्टर्न बायपास के जंक्शन या फिर रातीबड़ से शुरू होगा। इससे सफर में भी लगभग आधा घंटा कम समय लगेगा। ईंधन का खर्च भी बचेगा। अभी इन दोनों शहरों के बीच की दूरी तय करने के लिए ढाई घंटे का समय लगता है। यह एक्सप्रेसवे बनने से करीब दो घंटे के समय में भी भोपाल से इंदौर या इंदौर से भोपाल पहुंचा जा सकेगा।
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी होगा डेवलप
भोपाल-इंदौर एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ ही इसके आसपास इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी डेवलप किया जाएगा। यहां व्यापार को आसान बनाने के लिए टाउनशिप के विकास के साथ ही अन्य सुविधाएं भी मौजूद रहेंगी। हालांकि इसे पूरी तरह विकसित होने में थोड़ा समय लगेगा। एक्सप्रेसवे का लुफ्त हालांकि लोग जल्द ही ले सकेंगे। इस पर एंट्री के लिए कोलार, मंडीदीप, आष्टा सहित कुल 7 एंट्री प्वाइंट होंगे।