UPSC Success Story: आईपीएस कासी सुहिता अनुपम (IPS officer Suhita Anupam) आज बिहार सरकार में गृह विभाग में विशेष सचिव के पद पर पदस्थ है। उनकी सफलता की कहानी यह साबित करती है कि एक छोटे से शहर की प्रतिभा भी यूपीएससी क्लियर कर बड़े से बड़े पद पर पहुंच सकती है। उनकी सफलता छोटे शहरों के उन युवा उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का काम करती है जो बड़े सपने देखने का साहस रखते हैं।
आईपीएस कासी सुहिता अनुपम आंध्र प्रदेश के गुंटूर में जन्मी और पली-बढ़ी। सुहिता ने स्कूल के दिनों में ही सिविल सेवाओं में जाने का लक्ष्य तय कर लिया था। वे कहती हैं- मैंने एक बार अपने स्कूल में जिला कलेक्टर (डीएम) की गाड़ी को ऊपर लगी बत्ती के साथ देखा था और वही दृश्य मुझे प्रेरित कर गया था। मेरी मां ने भी सिविल सेवा में जाने का सपना देखा था, लेकिन उन्हें अवसर नहीं मिला। इसलिए मैंने उनका सपना पूरा करने के लिए सिविल सेवा में किसी भी तरह सफलता पाने का निश्चय किया।
हमेशा पाया कक्षा में पहला स्थान (UPSC Success Story)
सुहिता ने अपने सपने की ओर बढ़ने की नींव शैक्षणिक उत्कृष्टता से रखी। लूथरन इंग्लिश मीडियम स्कूल की छात्रा रहते हुए वह हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करती रहीं और 10वीं कक्षा में उन्होंने टॉप किया। इसके बाद आंध्र प्रिस्टीन कॉलेज में इंटरमीडिएट शिक्षा के दौरान उन्होंने अंग्रेजी विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए और इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया।
यूनिवर्सिटी को देती हैं सफलता का श्रेय (UPSC Success Story)
अपने शैक्षणिक रिकॉर्ड के चलते सुहिता को गीतम विश्वविद्यालय में आसानी से प्रवेश मिल गया। उन्होंने अपनी यूपीएससी सफलता का श्रेय भी इस विश्वविद्यालय को दिया। वे कहती हैं- सिविल सेवा की तैयारी के लिए समय निकालना एक चुनौती था, क्योंकि मैं साथ-साथ गीतम में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कर रही थी। लेकिन संस्थान की क्लास प्लानिंग में जो अनुशासन था, उसने मेरी बहुत मदद की।
कोई भी क्लास कैंसिल नहीं होती थी और पूरा शेड्यूल सख्ती से पालन किया जाता था। इससे मुझे पढ़ाई के लिए समय प्रबंधन करने में सहायता मिली। साथ ही, गीतम विश्वविद्यालय ने मुझे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विश्लेषणात्मक और तार्किक अध्ययन करना सिखाया, जिससे मेरा आत्मविश्वास और मजबूत हुआ।
इस तरह से करें तैयारी, मिलेगी कामयाबी (UPSC Success Story)
उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि- मैं व्यक्तिगत रूप से मानती हूं कि आपको अपने लक्ष्य के प्रति बहुत केंद्रित होना चाहिए और किसी भी तरह के भटकाव से बचना चाहिए। यह कोई छोटा सफर नहीं है, इसके लिए कम से कम चार से पांच साल की योजना होनी चाहिए। दबाव तो रहेगा ही, लेकिन आपको अपने विषयों से लगातार जुड़े रहना होगा। खुद को अपनी प्रतिस्पर्धा समझें, दूसरों से तुलना न करें।
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सुहिता का ऐसा रहा यूपीएससी का सफर (UPSC Success Story)
सुहिता बताती हैं कि उन्होंने पहले प्रयास में मेन्स पास कर लिया था और अच्छे अंक भी आए थे। हालांकि इंटरव्यू क्लियर नहीं पाईं। मैंने यह जानने का प्रयास किया कि इंटरव्यू के लिए मुझमें क्या कमी थी और उस पर काम किया। इसके बाद दूसरे प्रयास में मुझे इंटरव्यू में भी सफलता मिली। (UPSC Success Story)