MP Employee News: मध्यप्रदेश में 46 सूत्रीय लंबित मांगों के निराकरण के लिए कर्मचारी लामबंद हो गए हैं। इसी तारतम्य में आज प्रदेश भर में कर्मचारियों ने अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में जिला मुख्यालयों पर प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत तीसरे चरण में कलेक्टर कार्यालयों के सामने प्रदर्शन किया। इसमें बड़ी संख्या में कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा।
बैतूल में भी मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिला बैतूल ने कर्मचारियों की 46 सूत्रीय लंबित मांगों के निराकरण के लिए प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत तीसरे चरण में 7 फरवरी को कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने साफ चेतावनी दी कि सरकार ने उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया तो 16 फरवरी 2025 को भोपाल के अंबेडकर पार्क में प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
संयुक्त मोर्चा के महामंत्री और लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष कमलेश चौहान ने बताया कि 46 सूत्रीय मांगपत्र में वर्ष 2016 से बंद पड़ी पदोन्नति प्रक्रिया को बहाल करना, लिपिकों को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान का लाभ देना, कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करना, भृत्य पदनाम को बदलकर कार्यालय सहायक करना, महंगाई भत्ते का समय पर भुगतान करना और नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन प्रणाली लागू करना सहित अन्य मांगे शामिल हैं। संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष अनिल कापसे ने कहा कि अगर सरकार ने इन मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया तो 16 फरवरी 2025 को भोपाल के अंबेडकर पार्क में प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रदर्शन में यह भी मांग की गई कि गृह भाड़ा और वाहन भत्ते का पुनरीक्षण किया जाए, सहायक ग्रेड-3 का ग्रेड पे बढ़ाया जाए, कर्मचारियों की सेवा समाप्ति रोकी जाए, और रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। मोर्चा ने सभी विभागों में सेवा निवृत्ति की आयु समान करने और स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने की भी मांग की है। संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों का शीघ्र समाधान कर उन्हें राहत प्रदान की जाए।
ज्ञापन सौंपने के दौरान उपस्थित प्रमुख पदाधिकारियों में अनिल कापसे, कमलेश चौहान, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मनीष उदासी, नागोराव लोखंडे, श्यामू धुर्वे, राजेंद्रप्रसाद यादव, ललिता खासदेव, शालिंता दीवान, राजकिशोर धुर्वे, सचिन मालवीय, टीकाराम मालवीय, गादोराय भूभरकर, डीआर उपराले, मूलचंद मरार सहित अन्य कर्मचारी और अधिकारी शामिल रहे।