Increase in minimum wage: मध्यप्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को होली का तोहफा मिल गया है। सीटू के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार न्यूनतम वेतन की बढ़ी हुई दरों पर श्रमायुक्त कार्यालय ने आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश में एरियर्स सहित भुगतान के निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश के जारी होने का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था।
यह जानकारी देते हुए सीटू के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन, ऑटो चालक एकता यूनियन सीटू के संरक्षक कामरेड कुन्दन राजपाल ने कहा कि यह जीत प्रदेश भर के लाखों मजदूरों, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों और सरकारी-स्थानीय निकायों में कार्यरत कर्मियों के लिए बड़ी राहत है।
सीटू नेताओं ने बताया कि हर पांच साल में होने वाला न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण 9 साल बाद किया गया, लेकिन बीते दस महीनों से इसे कानूनी दांव-पेंच में उलझाकर लटकाया गया था। दिसंबर 2024 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने स्थगन समाप्त कर दिया था और 21 फरवरी 2025 को अंतिम सुनवाई के बाद फैसला सुनाया, जिसके बाद 28 फरवरी 2025 को श्रमायुक्त कार्यालय ने भुगतान के आदेश जारी किए।
जारी किए गए इस आदेश में चार मार्च 2024 की अधिसूचना को फिर से प्रभावी किया गया है, जिससे 68 नियोजित क्षेत्रों में मजदूरों को नए वेतनमान का लाभ मिलेगा। साथ ही, नियोक्ताओं को तत्काल न्यूनतम वेतन का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं। सीटू नेताओं ने कहा कि अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक मजदूरों को 16,250 रुपये से 24,340 रुपये तक का नुकसान हुआ है, जिसे कंपनियां हड़पने की कोशिश कर रही हैं।
सीटू ने श्रमायुक्त को पत्र लिखकर नवंबर 2019 से अब तक का एरियर्स भुगतान करने की मांग की है। इसके अलावा अक्टूबर 2024 से लागू होने वाले नए वेतन पुनरीक्षण की प्रक्रिया भी तत्काल शुरू करने की मांग उठाई गई है। कामरेड प्रमोद प्रधान, कामरेड रामविलास गोस्वामी, कामरेड डीके दत्ता, कामरेड कुन्दन राजपाल, कामरेड जगदीश डिगरसे, कामरेड कामेश्वर राय, पंकज साहू और मनोहर आठनकर ने कहा कि सीटू के संघर्ष से यह जीत मिली है और जब तक पूरी राशि का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।