IAS Success Story: इसमें कोई शक नहीं कि यूपीएससी की परीक्षा भारत ही नहीं दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। यही कारण है कि प्रतिभाशाली युवा सालों तक केवल इस परीक्षा की ही कड़ी मेहनत से तैयारी करके इसे क्रैक कर पाते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि मजबूरी के चलते अन्य कोई नौकरी कर रहे युवा इसकी तैयारी कर इसे पास नहीं कर सकते। ऐसे कई उदाहरण देखने को मिल जाते हैं।
बिहार की श्वेता भारती भी ऐसी ही आईएएस अधिकारी हैं जिन्होंने साबित किया है कि यदि मन में लगन और जुनून हो तो अन्य नौकरी करते हुए भी यूपीएससी की कठिन परीक्षा को क्रैक किया जा सकता है। श्वेता भारती स्वयं पूरे दिन एक प्राइवेट नौकरी करती थीं वहीं रात में यूपीएससी की तैयारी करती थीं। इसी तरह उन्होंने पहले बीपीएससी की परीक्षा क्लियर की और उसके बाद यूपीएससी क्लियर कर आईएएस ऑफिसर बनने में कामयाब हुईं।
श्वेता भारती बिहार के नालंदा जिले के राजगीर बाजार की निवासी हैं। उनकी प्रारंभिक परीक्षा पटना के इशान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल और टेलीकम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया। इंजीनियरिंग की डिग्री करने के बाद उन्हें विप्रो कंपनी में जॉब मिल गई। वैसे उनका लक्ष्य सिविल सर्विस में जाने का था, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उन्हें यह नौकरी करना पड़ा।
इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। वे दिन में तो सुबह 9 से शाम 6 बजे तक की ड्यूटी करती और इसके बाद रात में सिविल सर्विस की तैयारी करतीं। लगन से तैयारी में जुटी होने के कारण वे फ्रेंड्स, सोशल मीडिया और स्मार्टफोन से पूरी तरह से दूर रही। उनकी कड़ी मेहनत ने बीपीएससी की 65वीं परीक्षा में न केवल सफलता दिलवाई बल्कि अच्छी रैंक भी दिलवाई।
इन सबके नतीजतन उन्हें पश्चिम चंपारण जिले में शिक्षा विभाग में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) की पोस्ट मिली। इसके बाद भी वे आईएएस की तैयारी में जुटी रही। परिणामस्वरूप वर्ष 2021 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा भी क्लियर कर ली। उन्हें 356वीं रैंक मिली। उनका चयन आईएएस के लिए हुआ और बिहार में ही पोस्टिंग मिल गई। वर्तमान में वे बिहार के भागलपुर जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।