Employee Promotion : पावर इंजिनियर्स एवं एम्प्लाइज एसोसिएशन के पक्ष में उच्च न्यायालय, जबलपुर ने बड़ा फैसला सुनाया है। नतीजतन अब बी.ई., बी.टेक., ए.एम.आई., और डिप्लोमा धारक कनिष्ठ अभियंता अब सहायक अभियंता और उच्च शिक्षा प्राप्त अन्य कर्मचारी, कनिष्ठ अभियंता के पद पर नियुक्त किए जाएंगे।
संगठन के महासचिव अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि 2017 में पावर इंजिनियर्स एवं एम्प्लाइज एसोसिएशन ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर्मियों के प्रमोशन के लिए न्यायालय का रुख किया था। यह याचिका 1989 और 1990 के परिपत्रों के अनुपालन में दायर की गई थी। संगठन की ओर से अधिवक्ताओं हर्ष पाठक, मोहित चौबे, और राजस पोहनकर ने प्रभावशाली पैरवी की।
उच्च न्यायालय ने सुनाया यह फैसला
8 जुलाई 2024 को हुई अंतिम सुनवाई में संगठन के अधिवक्ता हर्ष पाठक और राजस पोहनकर ने ठोस तर्क और साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिसके बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा। 3 दिसंबर 2024 को उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि विद्युत कंपनियां उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंताओं को सहायक अभियंता और उच्च शिक्षा प्राप्त अन्य कर्मियों को कनिष्ठ अभियंता के पद पर नियुक्त करें।
पदाधिकारियों का रहा अहम योगदान
इस सफलता के पीछे संगठन के अध्यक्ष कुलदीप गुर्जर, महासचिव अजय कुमार मिश्रा, और संयुक्त सचिव जितेंद्र कड़वे का महत्वपूर्ण योगदान रहा। महासचिव ने बताया कि यह जीत संगठन की 12 वर्षों की निरंतर मेहनत का परिणाम है। हर सुनवाई में संगठन के पदाधिकारी अधिवक्ताओं के साथ जुड़े रहे और न्यायालय में प्रभावी बहस के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
संगठन ने कर्मचारियों से की यह अपील
संगठन ने इस जीत के लिए अधिवक्ता डॉ. हर्ष पाठक, मोहित चौबे, और राजस पोहनकर का आभार व्यक्त किया। साथ ही सभी विद्युत कंपनियों के कर्मियों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द संगठन की आजीवन सदस्यता लें। महासचिव अजय कुमार मिश्रा ने कहा, हम कर्मचारियों और अधिकारियों के हितों की रक्षा के लिए निरंतर कार्यरत हैं और भविष्य में भी ऐसी उपलब्धियां हासिल करते रहेंगे।