Benefits of 8th Pay Commission in MP: आखिरकार केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा कर दी है। इस घोषणा से जितने खुश केंद्रीय कर्मचारी नहीं हैं, उससे ज्यादा खुशी मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को है। इसकी वजह यह है कि यह आयोग केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को भी मालामाल कर देगा।
गौरतलब है कि बढ़ती महंगाई के आधार पर कर्मचारियों के लिए नए सिरे से वेतन-भत्ते तय करने के लिए केंद्र सरकार हर 10 साल में वेतन आयोग बनाती है। अभी तक 7 वेतन आयोग गठित किए जा चुके हैं। वर्तमान में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर कर्मचारियों को वेतन प्राप्त हो रहा है। अब 8वां वेतन आयोग गठित कर दिया गया है। इसी सिफारिशें अगले साल लागू हो जाएंगी।
वेतन में हो सकता 186 प्रतिशत का इजाफा
वेतन आयोग की घोषणा के साथ ही इस बात के कयास लगने शुरू हो गए हैं कि वेतन में कितनी बढ़ोतरी की सिफारिश की जाती है। इस बारे में कहा जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 को मंजूर किया जाता है तो कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में 186 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। 7वें वेतन आयोग के तहत 2.57 के फिटमेंट फैक्टर को लागू किया गया था।
इतना हो सकता है अब न्यूनतम वेतन
यदि 2.86 का फिटमेंट फैक्टर इस बार लागू किए जाने पर न्यूनतम वेतन 51480 रुपये हो जाएगा। अभी न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये है। कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन यदि 51480 रुपये होता है तो इसका सीधा असर पेंशन पर भी पड़ेगा। दरअसल, 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली पेंशन योजना यूपीएस में सेवानिवृत्ति के पहले 12 महीनों के दौरान मिलने वाले औसत वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन दी जाना है। इस अनुसार फिटमैंट फैक्टर 2.86 माना जाने पर न्यूनतम पेंशन भी 25740 रुपये हो जाएगी। वर्तमान में न्यूनतम पेंशन 9000 रुपये प्रति माह है।
एमपी के कर्मचारी इसलिए हैं बेहद खुश
वैसे देखा जाए तो 8वां वेतन आयोग केवल केंद्रीय कर्मचारियों के लिए हैं। सीधे तौर पर मध्यप्रदेश या अन्य राज्यों के कर्मचारियों को इसका कोई लाभ नहीं मिलना है। इसके बावजूद मध्यप्रदेश के कर्मचारी बेहद खुश हैं। इसकी वजह यह है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के बाद राज्य के कर्मचारियों को भी केंद्र के समान वेतन देने की परंपरा रही है। पहली बार वर्ष 1989 में प्रदेश में केंद्रीय वेतनमान दिया गया था। उसके बाद से लगातार यह मिल रहा है। इसलिए मध्यप्रदेश के कर्मचारी भी यह उम्मीद लगा रहे हैं कि अगले साल से उनके वेतन में भी भारी भरकम बढ़ोतरी होना तय है।
कर्मचारी संगठनों ने अभी से कमर कसी
केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को राज्य में लागू जरुर किया जाता है, लेकिन यह आधी-अधूरी लागू की जाती है। इससे प्रदेश के कर्मचारियों को इसका पूरा-पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। इस बार कर्मचारी संगठन इसके लिए भी कमर कस चुके हैं। संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी कहते हैं कि इस बार हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि 8वें वेतन आयोग की अनुशंसाओं को प्रदेश में पूरी तरह से लागू करवाया जाएं। इससे राज्य के कर्मचारियों को भी वे सभी लाभ प्राप्त हो सकेंगे, जो कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को प्राप्त होते हैं।