Ek Bagiya Maa Ke Naam Scheme: MP में ‘एक बगिया मां के नाम’ योजना: महिलाएं अब पौधारोपण से कमाएंगी लाखों

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Ek Bagiya Maa Ke Naam Scheme: अभी तक पौधारोपण जैसी गतिविधियां रस्म अदायगी ही ज्यादा रहती थी, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदलने वाली है। अब यही पौधारोपण मध्यप्रदेश की महिलाओं को मालामाल करने वाला है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत ‘एक बगिया मां के नाम’ परियोजना (MP Ek Bagiya Maa Ke Naam Scheme) शुरू की गई है। इस परियोजना का उद्देश्य स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त (Women Empowerment MP) बनाना है।

इस परियोजना के अंतर्गत स्व-सहायता समूह की महिलाओं की निजी भूमि पर फलोद्यान की बगिया विकसित की जाएगी। प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब अत्याधुनिक तरीके पौधरोपण का कार्य किया जाएगा। ऐप के माध्यम से हितग्राहियों का चयन किया जाएगा। परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर मनरेगा परिषद (MGNREGA Plantation) ने तैयारी शुरू कर दी है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इस संबंध में निर्देश भी जारी किए गए हैं।

एक बगिया मां के नाम से होगा ऐप (Ek Bagiya Maa Ke Naam Scheme)

एक बगिया मां के नाम परियोजना का लाभ लेने वाली आजीविका मिशन (MP Livelihood Project) के स्व-सहायता समूह की महिला का चयन एक बगिया मां के नाम ऐप से किया जाएगा। मनरेगा परिषद द्वारा मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से ऐप का निर्माण किया गया है।

अन्य किसी माध्यम से हितग्राही का चयन नहीं किया जाएगा। चयनित महिला हितग्राही (Women Farmer MP) के नाम पर भूमि नहीं होने की दशा में उस महिला के पति, पिता, ससुर और पुत्र की भूमि पर सहमति के आधार पर पौधरोपण किया जाएगा।

30 हजार से अधिक महिलाओं को मिलेगा लाभ (Ek Bagiya Maa Ke Naam Scheme)

एक बगिया माँ के नाम परियोजना अंतर्गत प्रदेश की 30 हजार से अधिक स्व-सहायता समूह की महिलाओं को लाभ मिलेगा। इनकी निजी जमीन पर 30 लाख से अधिक फलदार पौधे (Fruit Garden Project MP) लगाएं जाएंगे, जो समूह की महिलाओं की आर्थिक तरक्की का आधार बनेंगे। परियोजना के अंतर्गत हितग्राहियों (Self Help Group Farming) को पौधे, खाद और गड्ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए कटीले तार की फेंसिंग और सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का जल कुंड बनाने के लिए राशि प्रदान की जाएगी।

प्रत्येक ब्लॉक में 100 हितग्राहियों का चयन (Ek Bagiya Maa Ke Naam Scheme)

एक बगिया मां के नाम परियोजना अंतर्गत प्रत्येक ब्लॉक में न्यूनतम 100 हितग्राहियों का चयन किया जाएगा। चयनित पात्र महिलाओं को प्रशिक्षित (Rural Women Livelihood) किया जाएगा। प्रशिक्षण महिलाओं को वर्ष में दो बार दिया जाएगा।

सॉफ्टवेयर बताएगा किस प्रजाति के पौधे लगाएं (Ek Bagiya Maa Ke Naam Scheme)

एक बगिया माँ के नाम परियोजना अंतर्गत पौधरोपण के लिए जमीन का चयन वैज्ञानिक पद्धति (सिपरी सॉफ्टवेयर) के माध्यम से किया जाएगा। जमीन चिन्हित होने के बाद सॉफ्टवेयर से भूमि का परीक्षण किया जाएगा।

जलवायु के साथ ही किस जमीन पर कौन सा फलदार पौधा उपयुक्त है। पौधा कब और किस समय लगाया जाएगा। सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि पौधों की सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का स्त्रोत कहां उपलब्ध है। जमीन के उपयोगी नहीं पाए जाने पर पौधरोपण का कार्य नहीं होगा।

न्यूनतम आधा एकड़ जमीन होना अनिवार्य (Ek Bagiya Maa Ke Naam Scheme)

एक बगिया मां के नाम परियोजना का लाभ लेने के लिए चयनित हुई समूह की महिला के पास बगिया लगाने के लिए भूमि (MP Agriculture Scheme) भी निर्धारित की गई है। चयनित महिला के पास न्यूनतम आधा एकड़ या अधिकतम एक एकड़ जमीन होना अनिवार्य है।

प्रति 25 एकड़ पर एक कृषि सखी होगी नियुक्त (Ek Bagiya Maa Ke Naam Scheme)

फलोद्यान की बगिया लगाने के लिए चयनित हितग्राहियों की सहायता के लिए कृषि सखी नियुक्त की जाएगी। ये कृषि सखी हितग्राहियों को खाद, पानी, कीटों की रोकथाम, जैविक खाद, जैविक कीटनाशक तैयार कराने और अंतर्वर्तीय फसलों की खेती के बारे में जानकारी देगी। प्रत्येक 25 एकड़ के फलदार पौधरोपण पर एक कृषि सखी नियुक्त होगी।

ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से होगी निगरानी (Ek Bagiya Maa Ke Naam Scheme)

पौधरोपण का कार्य सही तरीके से हो रहा है या नहीं, पौधे कहां पर लगे हैं या नहीं, इसकी ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से निगरानी भी की जाएगी। मनरेगा परिषद द्वारा पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत धार जिले की जनपद पंचायत बाग के ग्राम पंचायत बाग, बाणदा, घोटियादेव, पिपरियापानी, झाबा, चिकापोटी में इसका परीक्षण भी हो गया है। पर्यवेक्षण के लिए अलग से एक डेश बोर्ड भी बनाया जाएगा। साथ ही प्रदर्शन के आधार पर प्रथम 3 जिले, 10 जनपद पंचायत एवं 25 ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

15 जुलाई तक होगा हितग्राहियों का चयन (Ek Bagiya Maa Ke Naam Scheme)

एक बगिया मां के नाम परियोजना के लिए पात्र महिला हितग्राहियों के चयन की प्रक्रिया 15 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी। हितग्राही की भूमि का स्थल निरीक्षण उसका भौतिक सत्यापन, तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति का कार्य 25 जुलाई तक किया जाएगा। पौधरोपण के लिए गड्ढे की खुदाई, तार फेंसिंग सहित पौधरोपण से संबंधित अन्य तैयारियां 14 अगस्त तक की जाएंगी। अभियान के रूप में पौधरोपण का कार्य 15 अगस्त से 15 सितंबर तक होगा। (Ek Bagiya Maa Ke Naam Scheme)

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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