Good news for contract employees: बैतूल। नगर पालिका बैतूल में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें पूर्व की तुलना में अधिक वेतन प्राप्त होगा, जिससे उनके घर का खर्च चलाने में आसानी होगी। यह महत्वपूर्ण निर्णय नगर पालिका परिषद की हाल ही में संपन्न बैठक में लिया गया।
नगर पालिका परिषद के सामान्य प्रशासन सभापति नितेश पिंटू परिहार ने बताया कि वर्ष 2016-17 में नगर पालिका में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को प्रतिमाह केवल 5 हजार मानदेय दिया जा रहा था। इतनी कम राशि में किसी भी परिवार का गुजारा संभव नहीं है। इस मुद्दे को उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष के समक्ष रखा।
पहले तीन हजार की हुई वृद्धि (Good news for contract employees)
वर्ष 2022-23 की परिषद बैठक में प्रत्येक संविदा कर्मचारी के मानदेय में 3 हजार की वृद्धि का प्रस्ताव रखा, जिसे परिषद ने पारित कर दिया। इसके बाद कर्मचारियों को 8 हजार प्रतिमाह मानदेय मिलने लगा। पिंटू परिहार के आग्रह पर नगर पालिका अध्यक्ष ने संविदा कर्मचारियों को और अधिक सहयोग देने के उद्देश्य से पुन: परिषद की बैठक बुलाई, जो 11 दिसंबर 2024 को आयोजित की गई।
अब कलेक्टर दर के अनुसार वेतन (Good news for contract employees)
इस बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पार्वतीबाई बारस्कर एवं सभी पार्षदों की सहमति से यह निर्णय लिया गया कि संविदा कर्मचारियों को अब कलेक्टर दर के अनुसार मानदेय का भुगतान किया जाएगा। यह निर्णय जैसे ही कर्मचारियों तक पहुंचा, उनमें खुशी की लहर दौड़ गई।
संविदा कर्मचारियों ने बांटी मिठाई (Good news for contract employees)
सभी संविदा कर्मचारियों ने मिठाई बांटकर नगर पालिका अध्यक्ष पार्वतीबाई बारस्कर, सामान्य प्रशासन सभापति नितेश पिंटू परिहार और परिषद के सभी पार्षदों का आभार जताया। इस पूरी प्रक्रिया में बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल का मार्गदर्शन भी अहम भूमिका में रहा। उनकी प्रेरणा से नगर पालिका प्रशासन ने जनसेवा के भाव को आगे रखते हुए संविदा कर्मचारियों के हित में यह ऐतिहासिक कदम उठाया।
वेतन बढ़ने से मजबूत होगी आर्थिक स्थिति (Good news for contract employees)
नगर पालिका के इस निर्णय से अब दर्जनों संविदा कर्मचारियों को उनके कार्य के अनुरूप सम्मानजनक वेतन प्राप्त होगा। साथ ही भविष्य में उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। अभी तक कम वेतन मिलने के कारण कर्मचारियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता था।