Safety measures on National Highway: पशुओं की नेशनल हाईवे पर आवाजाही से तेज रफ्तार से जा रहे वाहनों का दुर्घटनाग्रस्त हो जाना आम बात है। अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पशुओं के कारण होने वाले हादसों को रोकने ठोस पहल की है। इसके लिए देश के 4 नेशनल हाईवे पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। यहां यह प्रयोग सफल होने पर पूरे देश के हाईवे पर इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
एनएचएआई की इस पहल का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ाना, राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास आवारा पशुओं की चुनौती से निपटना तथा राजमार्गों पर पशु-संबंधी दुर्घटनाओं को रोकना है। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर पशु आश्रय प्रदान करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की गई है। इस पहल से जहां यात्रियों की यात्रा सुरक्षित हो सकेगी वहीं राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास घूमने वाले पशुओं और जानवरों की देखभाल तथा प्रबंधन भी सुनिश्चित हो सकेगा।
इन हाईवे पर शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
इस पहल को विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों पर लागू किया जाएगा, जिसमें एनएच-334बी के उत्तर प्रदेश/हरियाणा सीमा से रोहना खंड तक शामिल है। यहां खरखौदा बाईपास के साथ आश्रय स्थापित किए जाएंगे। इसी तरह, एनएच-148बी के भिवानी-हांसी खंड पर हांसी बाईपास, एनएच-21 के कीरतपुर-नेरचौक खंड तथा एनएच-112 पर जोधपुर रिंग रोड के डांगियावास से जजीवाल खंड पर आश्रयों का निर्माण किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत आश्रय क्षेत्रों का क्षेत्रफल 0.21 से 2.29 हेक्टेयर तक होगा, तथा पशुओं के लिए सुरक्षित स्थान के रूप में आश्रयों को बनाया जाएगा, जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर उनकी उपस्थिति कम होगी।
पशुओं के लिए इलाज के लिए एंबुलेंस भी
इतना ही नहीं घायल पशुओं के परिवहन और उपचार के लिए मवेशी एम्बुलेंस भी तैनात की जाएगी। इन पशुओं की समय पर चिकित्सा देखभाल के लिए प्रत्येक तरफ 50 किलोमीटर की दूरी पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। आश्रयों के निर्माण और रखरखाव के अलावा कंपनी आवारा पशुओं को इन सुविधाओं तक सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करेगी, चारा उपलब्ध कराएगी और मवेशी अतिचार अधिनियम, 1871 के प्रावधानों को लागू करेगी।
इस कंपनी के साथ किया अनुबंध
इस पहल को लागू करने के लिए, एनएचएआई ने मेसर्स गवार कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। अनुबंध के तहत, मेसर्स गवार कंस्ट्रक्शन लिमिटेड एनएचएआई द्वारा प्रदान की गई भूमि पर मवेशी आश्रयों का निर्माण करेगा। यह कंपनी प्राथमिक चिकित्सा, पर्याप्त चारा, पानी और देखभाल करने वालों की व्यवस्था करके इन आश्रयों का रखरखाव भी करेगी, जिससे आवारा पशुओं को सुरक्षित आश्रय उपलब्ध कराया जा सकेगा।