Free ration scheme : यदि नहीं कराया यह काम तो बंद हो जाएगा फ्री राशन मिला, इसलिए आज ही करा लें

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Free ration scheme : आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सहायता के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है। कुछ योजनाओं में जहां नकद राशि मुहैया कराई जाती है तो कुछ में वस्तुएं प्रदान की जाती है। गरीब से गरीब परिवार भी पर्याप्त भोजन कर सकें, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत लोगों को फ्री राशन मुहैया कराया जाता है।

इस समय, 81.35 करोड़ व्यक्तियों को कवर करने के लक्ष्य के मुकाबले 80.67 करोड़ व्यक्ति नि:शुल्क खाद्यान्न प्राप्त कर रहे हैं। यह फ्री राशन, शासकीय उचित मूल्य दुकानों के जरिए राशन कार्ड के आधार पर दिया जाता है। हालांकि इसका लाभ लेने के लिए सरकार ने कई नियम भी बना रखे हैं। इसके लिए यह अनिवार्य है कि ई-केवाईसी कराना है। सरकार ने बिल्कुल साफ कर दिया है कि जिनकी ई-केवाईसी नहीं है, उन्हें राशन नहीं दिया जाएगा। इसके लिए बीते कई महीनों से ई-केवाईसी की प्रक्रिया चल रही है। पहले इसके लिए आखरी तारीख 31 दिसंबर रखी गई थी। हालांकि बड़ी संख्या में ई-केवाईसी कराने से शेष रह गए लोगों को देखते हुए अब आखरी तारीख फरवरी 2025 कर दी गई है।

दुकान पर जाकर कराएं या घर बैठे

ई-केवाईसी कराना कोई बहुत मुश्किल या खर्चीला काम नहीं है। यह बिल्कुल आसान और फ्री में कराई जा सकती है। एक तो, यह कार्य अपनी राशन दुकान पर जाकर कराया जा सकता है। इसके लिए राशन कार्ड, परिवार के सदस्यों के आधार कार्ड, मोबाइल नंबर आदि देना होगा। वहीं दूसरा तरीका यह है कि राशन कार्ड पोर्टल 2.0 के जरिए की जा सकती है। इसके लिए प्ले स्टोर से राशन कार्ड पोर्टल को डाउनलोड करना होगा। इसे ओपन करके मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड डालना होगा। इसके बाद ओटीपी आएगा, जिसे डालकर सबमिट कर दें। इसके साथ ही आपकी ई-केवाईसी हो जाएगी।

कोविड काल में राहत देने शुरू हुई थी योजना

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को देश में कोविड-19 के कारण उत्पन्न आर्थिक व्यवधानों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। कोविड संकट को देखते हुए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मुफ्त खाद्यान्न का आवंटन नियमित आवंटन के अतिरिक्त था। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत 28 महीनों के लिए लगभग 1118 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया गया था, जिसका कुल परिव्यय लगभग 3.91 लाख करोड़ था।

इसलिए लिया मुफ्त खाद्यान्न मुहैया कराने का फैसला

केंद्र सरकार ने गरीब लाभार्थियों के वित्तीय बोझ को कम करने और अधिनियम के राष्ट्रव्यापी एकरूपता और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत एक जनवरी 2023 से शुरू होने वाली एक वर्ष की अवधि के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) लाभार्थियों यानी अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों और प्राथमिकता प्राप्त परिवार (पीएचएच) लाभार्थियों को मुफ्त में खाद्यान्न उपलब्ध कराने का फैसला किया था।

पांच सालों के लिए बढ़ा दी गई है योजना

इससे पहले, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत लाभार्थियों को चावल के लिए तीन रुपये प्रति किलोग्राम, गेहूं के लिए 2 रुपये प्रति किलोग्राम और मोटे अनाज के लिए एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सब्सिडी वाले खाद्यान्न वितरित किए जाते थे। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मुफ्त खाद्यान्न वितरण की अवधि एक जनवरी, 2024 से पांच साल के लिए बढ़ा दी गई है।

एक राष्ट्र एक कार्ड योजना से हुई सहूलियत

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रभावी और एकसमान कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगी। एक राष्ट्र एक कार्ड (ओएनओआरसी) के अंतर्गत, जो राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी की एक सफल पहल है, कोई भी लाभार्थी देश भर में किसी भी एफपीएस से एक समान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम पात्रता और मूल्य पर खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है। मुफ्त खाद्यान्न पूरे देश में एक राष्ट्र एक कार्ड के अंतर्गत एकसमान कार्यान्वयन को सुनिश्चित कर इस विकल्प-आधारित मंच को और मजबूत करेगा।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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