Vehicle Automated Testing Station MP: एमपी में जल्द शुरू होंगे 22 और वाहन ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन, आम लोगों को होगी खासी सहूलियत

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Vehicle Automated Testing Station MP: सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अनफिट वाहनों के संचालन पर प्रभावी रूप से रोक लगाये जाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों के स्व-चलित परीक्षण (ऑटोमेटेड टेस्टिंग) के बाद ही फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किया जाना अनिवार्य किया गया है। मध्यप्रदेश में अभी वाहनों की मानव हस्तक्षेप रहित पारदर्शी तरीके से फिटनेस जाँच किये जाने के लिये ग्वालियर, इंदौर और भोपाल में ही ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन कार्य कर रहे हैं। यह जरुरत के अनुसार बहुत कम हैं वहीं प्रदेश भर से लोगों को इन शहरों में आना पड़ता है। इसमें समय के काफी खर्च भी होता है।

लोगों की यह समस्या दूर करने और वाहनों की जाँच में और तेज गति से काम करने के लिये परिवहन विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में 22 ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन शुरू किये जाने के स्वीकृति-पत्र मंजूर किये हैं। इनमें से 18 स्वीकृति-पत्र विभिन्न एजेंसियों को जारी किये जा चुके हैं। यह जानकारी प्रदेश के परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने दी। उन्होंने आज भोपाल में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन का आकस्मिक निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान परिवहन मंत्री ने वाहनों की फिटनेस जाँच प्रक्रिया को देखा। उन्होंने संचालकों से जन-सामान्य को किसी भी तरह की परेशानी न होने की हिदायत दी। निरीक्षण के दौरान सचिव परिवहन मनीष सिंह और परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा भी मौजूद थे। परिवहन मंत्री श्री सिंह ने भोपाल के कोकता ट्रांसपोर्ट नगर स्थित परिवहन कार्यालय में व्हीएलटीडी कमाण्ड सेंटर का निरीक्षण किया।

नागरिकों को न हो परिवहन कार्यालय में कोई परेशानी

उन्होंने कहा कि नागरिकों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी व्यावसायिक वाहनों में पैनिक बटन अनिवार्य रूप से लगाया जाना सुनिश्चित किया जाये। जिला परिवहन अधिकारी भोपाल ने बताया कि शैक्षणिक संस्थानों के वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस अनिवार्य रूप से लगवाये जा रहे हैं। परिवहन मंत्री को अवगत कराया गया कि यात्रा के दौरान किसी यात्री को किसी प्रकार की असुविधा होने पर उसके द्वारा पैनिक बटन दबाने पर संदेश क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल के राज्य स्तरीय कंट्रोल एण्ड कमाण्ड सेंटर पर प्रेषित हो जाता है।

सन्देश मिलते ही मुहैया कराई जाती है सहायता

संदेश के आधार पर वाहन की वास्तविक लोकेशन ट्रेक की जाकर उसे त्वरित सहायता उपलब्ध करायी जाती है। प्रदेश में अब तक करीब 60 हजार वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस लगाये जा चुके हैं। परिवहन मंत्री ने यह सुनिश्चित करने के लिये कहा कि वाहनों में लगे पैनिक बटन वर्किंग कंडीशन में हों। जिन वाहनों में ट्रेकिंग डिवाइस रिचार्ज नहीं हैं, उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाये। उन्होंने पैनिक बटन के दुरुपयोग पर भी कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिये। परिवहन मंत्री श्री सिंह ने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में नागरिकों से भी सरकारी प्रक्रियाओं के संबंध में चर्चा की।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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