Platform worker facilities: एक कॉल पर आपके घर किसी भी मौसम में या किसी भी समय पर मनचाही वस्तु पहुंचाने वाले डिलीवरी बॉय हो या फिर एक कॉल पर आपके द्वारा बताई गई जगह पर पहुंच कर आपको आपके गंतव्य तक पहुंचाने वाले ओला-उबेर जैसे वाहनों के ड्राइवर हो या फिर विभिन्न संगठनों व कंपनियों के लिए अस्थाई रूप से कार्य करने वाले अस्थाई कर्मचारी हो, इन सभी को सामाजिक सुरक्षा के नाम पर सरकार की ओर से कुछ भी हासिल नहीं होता है।
यदि अपना काम करते समय ये किसी हादसे का शिकार हो जाए तो सरकार की ओर से इन्हें न तो फ्री इलाज की सुविधा मिलती है और न ही कोई अन्य तरह की सुविधा। यहां तक कि इस दौरान किसी की मृत्यु हो जाए तो इनके परिवार को भी राहत के नाम पर कुछ हासिल नहीं होता है। इससे इनके पूरे जीवन में असुरक्षा बनी रहती है। हालांकि अब इनके भी दिन फिरने वाले हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने योजना बना ली है।
इन कर्मचारियों को मिलेंगी यह सुविधाएं (Platform worker facilities)
देश में इन कर्मचारियों की संख्या करोड़ों में है। इन कर्मचारियों को गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर कहा जाता है। इन्हें भी अब जल्द ही सरकार की ओर से सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होने वाली है। सरकार की ओर से इनका विधिवत पंजीयन कर इन्हें बीमा सुविधा, पीएफ सुविधा और फ्री इलाज की सुविधा दिए जाने की तैयारी है। इसके साथ ही इन्हें कई योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा। इससे इनका जीवन भी अब आसान हो सकेगा।
दो दिवसीय कार्यशाला में बनाई योजना (Platform worker facilities)
इसे लेकर 29 और 30 जनवरी 2025 को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों और श्रम सचिवों के साथ दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में संपन्न हुई। कार्यशाला के दौरान हुई चर्चा के आधार पर, ये समितियां विचार-विमर्श करेंगी और श्रमिकों के लिए व्यापक सामाजिक सुरक्षा कवरेज के लिए एक संपोषित मॉडल तैयार करेंगी, जिसे मार्च 2025 में प्रस्तुत किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने यह किया आह्वान (Platform worker facilities)
दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान किए गए विचार-विमर्श और सुझावों को नोट करते हुए, केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने अपने संबोधन के दौरान सभी हितधारकों के लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाई। उन्होंने राज्यों से बीते दो दिनों के दौरान विभिन्न राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से प्रदर्शित सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने की संभावना का आकलन करने का आग्रह किया। उन्होंने इस विषय पर जोर दिया कि मंत्रालय संगठित और असंगठित श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सुधारों और पहलों को तैयार करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर प्रतिबद्ध है और काम करना जारी रखेगी। कार्यशाला में इन्हें पेंशन, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन और दुर्घटना बीमा आदि देने वाले संपूर्ण और संपोषित कल्याण कार्यक्रमों पर चर्चा की गई।
गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए बन रही योजना (Platform worker facilities)
मंत्रालय गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए एक समर्पित सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजना तैयार करने पर भी काम कर रहा है। योजना के वित्तपोषण, डेटा संग्रह और प्रशासन पर चर्चा की गई और राज्यों से आग्रह किया गया कि वे गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों पर ध्यान केंद्रित करने और मिशन मोड पर ईश्रम पर उनके पंजीकरण में सहायता के साथ असंगठित श्रमिकों के डेटा के साझा करने को प्राथमिकता दें। एनसीएस और एसआईडीएच जैसे सरकारी पोर्टलों और ईश्रम का एकीकरण रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता, कौशल विकास आदि को प्रोत्साहन देने में योगदान दे रहा है।
स्थायी सामाजिक सुरक्षा मॉडल तैयार करने पर जोर (Platform worker facilities)
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, जैसे भवन और निर्माण कार्य, गिग और प्लेटफॉर्म इकोनॉमी और अन्य क्षेत्रों में बड़े स्तर पर चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री ने इन श्रमिकों के लिए स्थायी सामाजिक सुरक्षा मॉडल तैयार करने पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त, अनुबंध श्रम के कल्याण और निरीक्षक की भूमिका को निरीक्षक-सह-सुविधाकर्ता में बदलना, दूसरे दिन के लिए अन्य मुख्य एजेंडा आइटम थे।
अब तक 30 करोड़ से ज्यादा श्रमिक पंजीकृत (Platform worker facilities)
असंगठित श्रमिकों को ईश्रम पोर्टल पर शामिल करने में हुई तरक्की ने इन श्रमिकों को अंतिम बिंदु तक लाभ पहुंचाने को मजबूत करने की दिशा में सरकार के प्रयासों को प्रदर्शित किया है। ईश्रम पोर्टल पर अब तक 30 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक पंजीकृत हैं।