Betul Crime News: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में जंगल में मिली एक व्यक्ति की जली हुई मानव खोपड़ी की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। वह मानव खोपड़ी एक युवक की थी, जिसकी हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद शव को जला दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। केवल एक जली हुई मानव खोपड़ी मिलने के बावजूद पुलिस मामले की तह तक पहुंचने में सफल रही। जिसके लिए एसपी निश्चल एन. झारिया ने पुलिस टीम की सराहना की है।
पुलिस विभाग बैतूल के जनसंपर्क अधिकारी द्वारा जारी प्रेस नोट में जानकारी दी गई है कि 10 दिसंबर 2024 को वन विभाग द्वारा थाना शाहपुर को सूचना दी गई कि अर्जुनगोंदी जंगल स्थित जठानदेव मंदिर के पास एक नाले के ऊपर एक जली हुई मानव खोपड़ी पड़ी है। सूचना पर तत्काल पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुँची और क्षेत्र को सुरक्षित किया गया।
पुलिस अधीक्षक बैतूल के निर्देशानुसार अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) शाहपुर मयंक तिवारी, सीन ऑफ क्राइम टीम प्रभारी निरीक्षक आबिद अंसारी एवं जिला वैज्ञानिक अधिकारी नर्मदापुरम ऋषिकेश यादव द्वारा थाना प्रभारी मुकेश ठाकुर की उपस्थिति में घटनास्थल का सूक्ष्म निरीक्षण किया गया।
टायर-लकड़ियों से जलाया था शव
जांच के दौरान पाया गया कि अज्ञात मृतक के शव को टायर और लकड़ियों की सहायता से पूरी तरह जलाया गया था। घटनास्थल से एक जली हुई खोपड़ी, कुछ हड्डियों के अवशेष एवं एक स्टील का कड़ा बरामद किया गया। साक्ष्यों को वैज्ञानिक विधि से संकलित कर उनका फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कराई गई तथा अज्ञात मृतक की पहचान हेतु मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई।
डीएनए टेस्ट से हुई मृतक की पहचान
थाना कोतवाली, बैतूल में 21 दिसंबर 2024 को रिंकेश चौहान निवासी कुंड बकाजन, थाना चिचोली की गुमशुदगी दर्ज की गई थी। जिसमें परिजनों द्वारा रिंकेश की पहचान के लिए हाथ में चुड़ा (स्टील का कड़ा) पहनना बताया गया। तत्पश्चात पुलिस मृतक के परिजन का रक्त नमूना लेकर मृतक की शिनाख्त पूर्ण किये जाने हेतु रिंकेश के परिजनों का डीएनए नमूने लेकर एफएसएल जांच के लिए भेजा। जांच रिपोर्ट में अर्जुनगोंदी जंगल में मिली जली हुई खोपड़ी एवं मृतक रिंकेश चौहान के परिजनों का डीएनए मिलान होना पाया गया। जिससे शव की पुष्टि रिंकेश चौहान के रूप में हुई।
जांच के लिए बनाई गई विशेष टीम
पुलिस अधीक्षक बैतूल के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं एसडीओपी शाहपुर के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी शाहपुर के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित कर मामले की जांच शुरू की गई। लगभग 4 महीने की गहन जांच के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि 30 नवंबर 2024 को रिंकेश चौहान न्यायालय पेशी के लिए बैतूल गया था।
मुखबिरी के शक में की थी मारपीट
इस दौरान यह भी खुलासा हुआ कि ग्राम बांसपानी के आशीष परते को गोवंश के मामले में पुलिस को सूचना देने पर गांव से उठाकर एक कमरे में बंद कर उल्टा लटका कर रिंकेश तथा उसके अन्य साथियों ने मारपीट की थी। आशीष परते उससे इस बात को लेकर रंजिश रखता था और बदला लेने की फिराक में था।
दोस्त के घर रूकने की मिली खबर
इधर रिंकेश पेशी निपटाकर मुलताई मेला देखने गया, फिर झीटापाटी गाँव में अपने दोस्त गब्बर के घर रुका। यह बात नितिन के साले अपचारी बालक ने नितिन को बताई। नितिन रिश्ते में आशीष परते का भतीजा लगता है। इसके बाद नितिन ने फोन से बताया कि रिंकेश झीटापाटी गाँव में अपने दोस्त गब्बर के घर रुका है।
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साथियों के साथ गांव से किया अगवा
इस सूचना के आधार पर मुख्य आरोपी आशीष परते एवं उसके साथियों ने रिंकेश को अगवा कर लिया। आशीष परते एवं उसके साथी नितिन, प्रदीप, मनीष, अपचारी बालक, शिवा धुर्वे एवं ड्राइवर मिंचू ने मिलकर रिंकेश को अगवा कर बेरहमी से पीटा।
बंधक बनाकर करते रहे पूरे दिन प्रताड़ित
आरोपी उसे पाढर वाइन शॉप के पीछे स्थित टेकरी पर ले गए, जहाँ उसे दिन भर बंधक बनाकर प्रताड़ित किया गया। शाम को आशीष परते ने टायर एवं 15 लीटर डीजल की व्यवस्था की। सभी आरोपी रिंकेश को अर्जुनगोंदी के जंगल में जठानदेव मंदिर के पास ले गए, जहाँ उसे फिर से बुरी तरह मारा गया। जब रिंकेश की मृत्यु हो गई, तब आरोपियों ने लकड़ियों एवं टायरों के नीचे उसका शव रखकर डीजल डालकर आग लगा दी और मौके से फरार हो गए।
एसपी ने दी पुलिस टीम को शाबाशी
शाहपुर पुलिस की सतत निगरानी और प्रयासों से आरोपियों की पहचान कर सभी 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इस सफलता के लिए पुलिस अधीक्षक बैतूल द्वारा थाना शाहपुर की विशेष टीम को सराहना दी गई है।