Soyabeen ki khardi : बैतूल। जिले में समर्थन मूल्य में सोयाबीन खरीदी की सुस्त रफ्तार है। एक महीने में बहुत कम किसानों ने उपज बेची है। समर्थन मूल्य में सोयाबीन बेचने को लेकर किसानों का मोह भंग हो गया है। वहीं मंडी में सोयाबीन की बंपर आवक हो रही है और इधर समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बैतूल में सोयाबीन की उपज समर्थन मूल्य में बेचने के लिए 3180 किसानों ने पंजीयन किया है। खरीदी प्रारंभ हुए एक महीने का समय हो गया है। इस एक महीने के भीतर अब तक 58 किसानों ने समर्थन मूल्य पर सोयाबीन बेची है। किसानों से 1500 क्विंटल से अधिक उपज खरीदी गई। खरीदी के लिए 15 केन्द्र बनाए गए है, जिसमें से 4-5 खरीदी केन्द्रों पर ही किसान उपज लेकर पहुंचे है।
मंडी में थोक में हो रही आवक
मंडी की अपेक्षा समर्थन मूल्य में सोयाबीन के अधिक दाम मिलने के बावजूद भी किसान उपज नहीं बेच रहे है। किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य कम है और राशि के लिए किसानों को परेशान भी होना पड़ता है और मंडी में नगद भुगतान मिल जाता है।
इतने किसानों ने किए स्लॉट बुक
सोयाबीन की उपज बेचने के लिए 58 किसानों ने स्लॉट बुक किए हैं। कुछ ऐसे भी किसान है, जिन्होंने स्लॉट तो बुक कर दिए, लेकिन उपज लेकर नहीं आ रहे। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सोयाबीन खरीदी की अंतिम तिथि 30 दिसंबर तक है। अब खरीदी की अंतिम तिथि के लिए महज एक महीने का समय शेष रह गया है। जिले में सोयाबीन की खरीदी बहुत कम होने की संभावना बनी है। अधिकारियों का कहना है कि अब अधिकतर किसानों का रबी फसल की बोवनी का कार्य पूरा हो चुका है। अब धीरे-धीरे किसान खरीदी केन्द्रों पर पहुंचने लगेंगे।
उपज में नमी के कारण परेशान
सोयाबीन की उपज में नमी होने के कारण किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं। शासन के निर्देश है कि अधिक नमी होने की स्थिति में उपज नहीं खरीदी जाएगी। खरीदी केन्द्रों पर उपज में नमी की जांच की जा रही है। अधिक नमी होने की स्थिति में किसानों को वापस लौटा दिया जा रहा और उपज सुखाकर लाने के लिए कहा जा रहा है। इस कारण से भी किसान समर्थन मूल्य में उपज नहीं बेच पा रहे। मंडी में किसान आसानी से उपज बेच रहे है, इसलिए समर्थन मूल्य की झंझट में किसान नहीं पड़ना चाहते।