Crop Protection Scheme: किसानों को राहत: फसल बचाने के लिए सरकार दे रही फेंसिंग पर 50% सब्सिडी

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Crop Protection Scheme: खेती को मौसम का जुआ भी कहा जाता है। यदि मौसम अनुकूल रहा तो फसल अच्छी हो जाएगी, नहीं तो किसानों की महीनों की मेहनत कुछ पलों में ही चौपट हो जाती है। यह बात अलग है कि खेती-किसानी केवल मौसम से ही प्रभावित नहीं होती है। इसके अलावा भी अन्य कई तरह से फसलों पर असर पड़ता है।

आजकल आवारा और जंगली जानवरों से भी फसल बचाना (Crop Protection Scheme MP) बड़ा मुश्किल हो गया है। किसान हर पल खेत में मौजूद रहकर फसल की सुरक्षा नहीं कर सकता। दूसरी ओर मौका मिलते ही आवारा या जंगली जानवर किसानों की फसल चट कर जाते हैं। दूसरी ओर जानवरों को खेत में घुसने से बचाने के लिए पूरे खेत में फेंसिंग करना महंगा खर्च है।

जंगली जानवरों से फसल बचाना मुश्किल (Crop Protection Scheme)

यही वजह है कि अधिकांश किसान यह खर्च नहीं उठा पाते हैं। इससे उन्हें तगड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। कई बार तो पूरी फसल ही जंगली जानवर चट (Wildlife Damage) कर जाते हैं। यह बात अच्छी है कि सरकार द्वारा किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं (Government Farming Scheme) चलाई जा रही है। अब सरकार खेतों में तार-फेंसिंग (Farm Fencing) के लिए भी किसानों की सहायता को आगे आई है।

तार-फेंसिंग के लिए सरकारी सहायता (Crop Protection Scheme)

फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेतों पर तार-फेंसिंग लगाने का आधा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी। अब राष्ट्रीय बागवानी एकीकृत विकास कार्यक्रम के तहत उद्यानकी फसल (Horticulture Subsidy) उगाने वाले मध्यप्रदेश के कृषक (MP Farmers) अपने खेत के चारों ओर 5 तार व खम्बे की फेंसिंग लगवा सकते हैं।

किसानों से ऑनलाइन बुलाए आवेदन (Crop Protection Scheme)

उद्यानकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा इच्छुक किसानों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। विभाग द्वारा जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किया जा चुका है। आयुक्त उद्यानकी के अनुसार उद्यानकी फसलों में सब्जी, फल, फूल एवं मसालों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा क्षति पहुंचाई जाती है। इससे बचाव के लिये यह योजना लागू की गई है।

कुल खर्च की आधी राशि का अनुदान (Crop Protection Scheme)

विभाग द्वारा किसानों को तार-फेंसिंग लगाने में आने वाला खर्च का आधा (50 प्रतिशत) अनुदान (Agriculture Grant) प्रदान किया जाएगा। तार-फेंसिंग लगाने का खर्चा 300 रुपये प्रति रनिंग मीटर आता है, यानि एक हजार रनिंग मीटर का खर्चा तीन लाख रुपये है। इसमें डेढ़ लाख रुपये राज्य सरकार देगी तथा शेष डेढ़ लाख रूपये किसान वहन करेगा। (Crop Protection Scheme)

FAQs (सवाल जवाब के रूप में जानें योजना)

Q1: मध्यप्रदेश में फसल की सुरक्षा के लिए कौन सी नई योजना लागू की गई है?

➡️ मध्यप्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय बागवानी एकीकृत विकास कार्यक्रम के तहत किसानों के खेतों में फेंसिंग लगाने के लिए सब्सिडी योजना शुरू की है।

Q2: तार-फेंसिंग लगाने पर किसानों को कितनी सब्सिडी मिलेगी?

➡️ सरकार कुल खर्च का 50% अनुदान देगी। उदाहरण के लिए यदि 1000 मीटर फेंसिंग का खर्च 3 लाख रुपये है, तो 1.5 लाख रुपये सरकार देगी।

Q3: किन फसलों के लिए यह फेंसिंग योजना लागू है?

➡️ सब्जी, फल, फूल और मसालों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए यह योजना लागू की गई है।

Q4: किसान इस योजना का लाभ कैसे ले सकते हैं?

➡️ किसान उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। (Crop Protection Scheme)

Q5: क्या सभी किसान इस योजना के लिए पात्र हैं?

➡️ हां, जो किसान मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलें उगाते हैं और विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अंतर्गत आते हैं, वे पात्र हैं। (Crop Protection Scheme)

Q6: तार-फेंसिंग का क्या खर्च आता है?

➡️ तार-फेंसिंग का खर्च करीब 300 रुपये प्रति रनिंग मीटर आता है। (Crop Protection Scheme)

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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