Compulsory Retirement: मध्य प्रदेश पुलिस में अनुशासन, कर्तव्यपरायणता एवं सेवा निष्ठा सर्वोपरि है। इस मूल सिद्धांत को बनाए रखने और कर्तव्य में घोर लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक बैतूल निश्चल एन. झारिया द्वारा एक प्रधान आरक्षक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement) का दंड दिया गया है। यह कार्यवाही रक्षित केन्द्र बैतूल में पदस्थ प्रधान आरक्षक साहबलाल धुर्वे के विरुद्ध की गई है।
प्रधान आरक्षक साहबलाल धुर्वे के विरुद्ध अनाधिकृत रूप से लगातार अनुपस्थित रहने, अनुशासनहीनता एवं कर्तव्य विमुखता को लेकर विभागीय जांच की गई थी। विभागीय जांच में यह प्रमाणित हुआ कि प्रधान आरक्षक साहबलाल धुर्वे ने कुल 244 दिनों तक अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहकर अपने पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता प्रदर्शित की।
सभी आरोप पूर्णतः प्रमाणित पाए गए
मध्य प्रदेश पुलिस रेगुलेशन के पैरा 64(4) का उल्लंघन किया, जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि- “प्रत्येक पुलिसकर्मी अनुशासन के अधीन रहेगा, अधीनता का पालन करेगा एवं विधिसंगत आदेशों का त्वरित पालन करेगा।” विभागीय जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में प्रधान आरक्षक के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोप पूर्णतः प्रमाणित पाए गए।
बचाव में नहीं किया जवाब प्रस्तुत
पुलिस अधीक्षक बैतूल ने जांच प्रतिवेदन का परीक्षण करने के पश्चात अंतिम बचाव अभ्यावेदन के लिए प्रधान आरक्षक को पर्याप्त अवसर प्रदान किया, किंतु निर्धारित समयावधि में उन्होंने कोई उत्तर प्रस्तुत नहीं किया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि वे अपने बचाव में कुछ नहीं कहना चाहते। वे जानबूझकर उत्तर प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं।
अभिलेखों के परीक्षण में पाया गया यह
पुलिस अधीक्षक बैतूल द्वारा सेवा अभिलेख के विस्तृत परीक्षण के उपरांत यह पाया गया कि उन्होंने बार-बार अनुशासनहीनता प्रदर्शित की एवं अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरती। विभाग द्वारा अनेक अवसर दिए जाने के बावजूद उनके आचरण में कोई सुधार नहीं हुआ। लगातार अनधिकृत अनुपस्थिति एवं अनुशासनहीनता के कारण वे पुलिस सेवा के लिए अयोग्य सिद्ध हुए हैं। इन तथ्यों के आधार पर पुलिस अधीक्षक बैतूल द्वारा प्रधान आरक्षक साहबलाल धुर्वे को आदेश जारी दिनांक से अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है।