When the collector sat on the ground: कलेक्टर हो तो ऐसे… जमीन पर साथ बैठ कर सुनी वृद्धा की फरियाद, फिर खुद की गाड़ी में बिठा कर ले गए गांव और दिलाया कब्जा

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When the collector sat on the ground: बड़े पद पर पहुंचने के बाद भी कम ही अफसर अपने भीतर आत्मीयता, संवेदनशीलता और सहानुभूति जैसी भावनाएं बचा कर रख पाते हैं। इन चुनिंदा अफसरों में मध्यप्रदेश के बैतूल कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को भी शामिल किया जा सकता है। बड़ी आस के साथ उनके पास पहुंची एक वृद्धा की फरियाद सुनते हुए उन्होंने यह तीनों भावनाएं तो दिखाई ही, इसके साथ ही यह भी दिखाया कि यदि अपने पॉवर्स का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए तो कई समस्याओं का निदान चुटकियों में किया जा सकता है।

शुक्रवार को घोड़ाडोंगरी पहुंचे कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने राजस्व विभाग की समीक्षा के साथ यहां जनसामान्य की समस्याएं भी सुनी। बड़ी आस लिए यहां पहुंची बुजुर्ग शांति बाई ने नम आंखों से अपनी पीड़ा कलेक्टर को बताई। इस पर कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने वृद्धा की झिझक मिटाने और डर दूर के लिए उसके साथ जमीन पर बैठकर उसकी समस्याएं सुनी और तत्काल ही उनका निराकरण भी किया। वहीं इस प्रकरण में लापरवाही बरते जाने पर पटवारी को फटकार भी लगाई।

बुजुर्ग पीड़िता ने कलेक्टर से की यह शिकायतें (When the collector sat on the ground)

महिला ने बताया कि उनके परिजन द्वारा उनकी कृषि भूमि पर छल से जबरन कब्जा कर उन्हें कृषि कार्य नहीं करने नहीं दिया जा रहा है और चतुर सीमा गलत बताकर विक्रय कर दिया है। उनके मकान पर भी नहीं रहने दिया जा रहा है। उनकी भूमि पर उनके पोता सत्यम का नामांतरण आदेश के होने के बाद भी आज तक उनके नाती का नाम दर्ज नहीं किया गया हैं।

पटवारी को लगाई तुरंत ही फटकार (When the collector sat on the ground)

महिला की समस्या को गंभीरता से सुन कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने नामांतरण आदेश बुलवाया और आदेश अमल नहीं होने पर पटवारी को फटकार लगाई। उन्होंने मौके पर ही शांतिबाई के नाती का नाम दर्ज करवाया और खसरा की कॉपी प्रदान की गई। यहीं नहीं बुजुर्ग महिला और उनके नाती को कलेक्टर ने अपने वाहन में सम्मान पूर्वक बैठाकर उनके साथ उनकी ग्राम टैमरूरैयत स्थित कृषि भूमि पर पहुंचे।

रजिस्ट्री दुरूस्त करवाने के दिए निर्देश (When the collector sat on the ground)

यहां उन्होंने जमीन के दस्तावेज का अवलोकन किया जिसमें पाया कि चतुर्सीमा गलत लगाकर परिजन द्वारा विक्रय कर दी गई है जिस पर कलेक्टर ने तहसीलदार को रजिस्ट्री दुरुस्त करवाने और सही चतुर सीमा अनुसार समान रूप से बंटवारा व नक्शा संशोधन किए जाने के निर्देश दिए। मौके पर कब्जा भी दिलवाया गया। इस दौरान महिला के खेत में कुआं क्षतिग्रस्त पाए जाने पर कलेक्टर ने मनरेगा योजना के तहत कुएं की तत्काल मरम्मत करने के निर्देश ग्राम पंचायत सचिव को दिए। यह कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा।

मकान की मरम्मत भी कराई जाएगी (When the collector sat on the ground)

कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने बुजुर्ग महिला के मकान का भी जायजा लिया। वर्षों से बंद मकान खुलवा कर मकान क्षतिग्रस्त पाए जाने पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को मकान की मरम्मत करवाए जाने के निर्देश दिए। साथ ही जन सहयोग से मकान की छत बदले जाने का भी वादा किया। मकान के पीछे किया पड़ोसी का अतिक्रमण हटवाया। उन्होंने ग्रामीणों के साथ भी चर्चा कर कहा कि ग्राम में शांतिबाई को किसी भी तरह की परेशानी न हो। सभी उनका सहयोग करें। किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तत्काल सूचना तहसील कार्यालय में दें।

सत्यम को मिलेगा सभी योजनाओं का लाभ (When the collector sat on the ground)

कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने शांति बाई के पोता सत्यम को भी महिला एवं बाल विकास विभाग की मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना सहित अन्य शासकीय योजनाओं से लाभान्वित कराए जाने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए। उल्लेखनीय है कि शांति बाई के पोता सत्यम के पिता का असामयिक निधन हो गया था, जिसके बाद से ही सत्यम अनाथ हो गया। सत्यम का पालन पोषण शांतिबाई ही कर रही थी।

शांति बाई ने सरकार का माना आभार (When the collector sat on the ground)

जमीन और मकान संबंधी बरसों पुरानी समस्या से जूझ रही शांति बाई का त्वरित समाधान होने पर बहुत खुश नजर आई, उन्होंने बताया कि वे कभी सोच भी नहीं सकती थी कि उनकी समस्या का इतने जल्दी और गरिमा के साथ समाधान हो सकेगा। मैं और मेरा नाती शासन के आभारी हैं। इस दौरान शांतिबाई ने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को भी मन से याद किया।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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