विजय सावरकर, मुलताई (Tapti Mahotsav 2025)। पवित्र नगरी मुलताई में संस्कृति विभाग के तत्वाधान में सीएम राइज स्कूल के खेल मैदान पर आयोजित हो रहे ताप्ती महोत्सव के प्रथम दिन मंगलवार को गायक पवनदीप राजन की प्रस्तुति के दौरान बदहाल सुरक्षा व्यवस्था का नजारा देखने मिला। वह तो गनीमत रही कि श्रोताओं की अनियंत्रित भीड़ के दौरान कोई भगदड़ नहीं मची, अन्यथा कोई भी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था।
रात 9 बजे जैसे ही गायक पवनदीप राजन ने मंच पर आकर गायन प्रारंभ किया तो श्रोताओं की भीड़ उमड़ने लगी। पंडाल में प्रवेश के लिए कोई निर्धारित व्यवस्था नहीं थी। हर तरफ से लोग पंडाल में प्रवेश करने लगे और मंच के दोनों किनारो पर श्रोताओं की जमकर भीड़ जमा हो गई।
स्थिति यह थी कि कई लोग साउंड बॉक्स के लिए बनाए गए टावर पर चढ़ गए। तो तमाम लोग मंच के सामने बैठक व्यवस्था के लिए लगाई गई कुर्सियों के सामने ही खड़े हो गए। मंच के सामने बैरिकेट्स लगाकर डी बनाई गई थी। उसके अंदर भी जाकर लोग बैठ गए। स्थिति यह थी कि कुर्सी पर बैठे लोगों को सामने खड़ी भीड़ के चलते मंच ही नहीं दिख पा रहा था। कई बार सामने से हटाने की बात पर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। परेशान होकर कुर्सी पर बैठे दर्शक बदहाल सुरक्षा व्यवस्था को कोसते हुए घर लौटने को मजबूर हो गए।
पुलिस बनी रही मूकदर्शक
कार्यक्रम के प्रारंभ में बैठक की माकूल व्यवस्था बनी हुई थी। जैसे ही पवनदीप राजन मंच पर आए तो इक्का दुक्का लोग मंच के सामने पंडाल के दोनों किनारो पर खड़े होने लगे उस दौरान कुछ जागरूक श्रोताओं ने सुरक्षा के लिए मौजूद पुलिसकर्मियों से बिगड़ रही व्यवस्था को संभालने का अनुरोध भी किया। लेकिन पुलिसकर्मी एक ही स्थान पर खड़े रहकर मूकदर्शक बने रहे। जिसके चलते कुछ ही देर में मंच के सामने दोनों तरफ लोगों की भारी भीड़ लग गई। उसके बाद भी पुलिसकर्मी अलर्ट नहीं हुए और व्यवस्था को भगवान भरोसे छोड़ दिया। इस स्थिति में भीड़ बेलगाम हो गई। और जिसे जहां जगह मिली वही खड़ा हो गया। मंच पर प्रस्तुति दे रहे गायक पवनदीप के साथ सेल्फी लेने के लिए भी लोग धक्का मुक्की करने लगे।
प्रवेश को लेकर नहीं बनाई कोई व्यवस्था
बीते वर्षों में आयोजित हुए ताप्ती महोत्सव में प्रसिद्ध कलाकार साधना सरगम,नितिन मुकेश,हंसराज हंस सहित अन्य कलाकार अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। लेकिन इस वर्ष की भांति कभी भी ऐसी बदहाल सुरक्षा व्यवस्था का नजारा देखने नहीं मिला। जिसकी प्रमुख वजह यह थी कि पंडाल में प्रवेश के लिए व्यवस्था का निर्धारण नहीं किया गया था। बीते वर्षों में पंडाल में प्रवेश की व्यवस्था केवल खेल मैदान के मुख्य प्रवेश द्वार से रखी जाती थी। वहीं मंच के पीछे स्थित गेट से चुनिंदा लोगों को ही प्रवेश दिया जाता था।
इस वर्ष मंच के पीछे के गेट से लोगों का सतत प्रवेश जारी रहा। वही मंच के दूसरे किनारे से भी लोग पंडाल में प्रवेश करते रहे। सोचनीय प्रश्न यह है कि बीते दिनों ताप्ती महोत्सव के आयोजन को लेकर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने बैठक लेकर पुलिस,राजस्व और नगर पालिका के अधिकारियों को महोत्सव के दौरान तमाम व्यवस्थाओं के साथ सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद रखने के दिशा निर्देश दिए थे। लेकिन मंगलवार को दोनों अधिकारियों द्वारा दिए गए दिशा निर्देश की धज्जियां उड़ती नजर आई।