Sonaghati Hill Betul : मध्यप्रदेश के बैतूल में जिला मुख्यालय के समीप स्थित सोनाघाटी पहाड़ी कुछ साल पहले तक पूरी तरह वीरान और उजाड़ थी। हरियाली का इस पर नामो निशान नहीं था। यहां करीब एक दशक तक गंगावतरण अभियान के जरिए खंतियां खोदी और हजारों पेड़ लगाए गए थे। नतीजतन, यह पहाड़ी अब हरियाली से लद गई है। दुर्भाग्य की बात यह है कि इसी हरी-भरी पहाड़ी के सैकड़ों पेड़-पौधों को यहां पुलिस चौकी बनाने के लिए काट डाला गया है।
गौरतलब है कि वरिष्ठ पर्यावरणविद, जलपुरूष और जन अभियान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन नागर की अगुवाई में इस पहाड़ी पर पिछले एक दशक से गंगावतरण अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान यहां हजारों श्रमदानियों ने निस्वार्थ भाव से अपना पसीना बहाते हुए खंतियां खोदी, पौधे लगाए और उन्हें पाल-पोस कर पेड़ बनाया। यही कारण है कि यह उजाड़ हो चुकी पहाड़ी अब हरियाली से लद गई है। इसे देख कर कोई यकीन ही नहीं कर सकता कि कभी यह पहाड़ी पूरी तरह वीरान-उजाड़ थी।
अब इस पहाड़ी को लेकर एक बुरी खबर सामने आई है। इस बारे में जानकारी देते हुए पर्यावरणविद श्री नागर ने बताया कि मुझे पता चला है कि सोनाघाटी की जिस पहाड़ी पर हजारों श्रमदानियों ने अपना पसीना बहाकर पानी रोका और एक दशक तक पौधे लगाकर उन्हें पेड़ बनाया, उनमें से सैकड़ों पेड़ों की वहाँ पुलिस चौकी बनाने के लिए की बलि ले ली गई है।
श्री नागर ने कहा कि यह बेहद गंभीर अपराध है। मैंने बैतूल पुलिस अधीक्षक से बात की है कि वे इस तरह के अपराध करने करने वालों के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही करें। इधर इस बात की जानकारी मिलने पर उन हजारों श्रमदानियों और पर्यावरण प्रेमियों में भी खासा आक्रोश पनप रहा है जिन्होंने यहां हरियाली लाने के लिए सालों तक अपना पसीना बहाया था। उन्होंने भी इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।