Satsang News: सांसारिक यात्रा के साथ मन की यात्रा भी जरूरी है, मंजिल को पाना है तो चलना ही होगा, किसी के काम आना श्रेष्ठ ईश्वर भक्ति है। उक्त उद्गार कलानौर (हरियाणा) से पधारे गुरु श्री शिवरामदास जी ने सत्संग आयोजन में व्यक्त किए। यह सत्संग सती भाई सांई दास सेवा दल आमला के सेवादार हेमंत विक्की गुगनानी के निवास पर 27 मार्च की रात्रि में आयोजित किया गया।
सत्संग के पूर्व गुरुजी ने सभी सेवादारों से उनके निवास पर जाकर उनसे और परिवार जनों से भेंट की। इसके पश्चात सत्संग प्रारम्भ हुआ। श्री गुरुजी ने अपने भक्तों को संबोधित करते हुए मानव जीवन के उद्देश्य और परमार्थ पर समझाते हुए कहा कि ईश्वर भक्ति भावपूर्ण हो, ना कि कुछ मांगने के लिए हो। मांगने के भाव से की गई भक्ति वास्तविक भक्ति नहीं कही जा सकती है।
संस्कार और संस्कृति को दें महत्व
भक्ति का भाव यही है कि ईश्वर की इच्छाओं का सम्मान करें और अपने आचरण का मूल्यांकण करते रहें। सेवा को परम लक्ष्य बना कर उस पर अपना ध्यान करें, लेकिन स्वयं का और परिवार का भी ध्यान रखना प्राथमिकता हो। अपने संस्कारों और संस्कृति को महत्व दें। माता-पिता का सम्मान उच्च आदर्श है।
आदर्श और सिद्धांत रखें साथ
सांसारिक यात्रा में सकारात्मकता, आदर्श और सिद्धांत को साथ रखें और अपने भीतर की भी यात्रा अवश्य करें। कांटों के बीच रह कर भी गुलाब अपनी खूबसूरती और खुशबू बांटता रहता है। उसी प्रकार संसार की कांटों रूपी बुराइयों के बीच रह कर भी आप अपने किरदार और कर्म से महकते रहें।
पंजाबी भजन सुनकर नम हुई आंखें
इस सत्संग आयोजन में गुरु श्री शिवरामदास ने अपने मधुर स्वर में पंजाबी भजन लोकाँ दे सहारे, बड़े होनगे, मेरा ता सहारा हिक तू, लोकाँ दे नजारे बड़े होनगे, मेरा ता सहारा हिक तू… (लोगों के सहारे बहुत होंगे, मेरा सहारा सिर्फ तू, लोगों के नजारे बहुत होंगे मेरा नजारा सिर्फ तू) गाकर उपस्थित भक्तों की आंखें नम का दी। आयोजन में उपस्थित होने के लिए किशोर गुगनानी ने श्री गुरुजी का आभार व्यक्त किया।
यह रहे प्रमुख रूप से उपस्थित
इस सत्संग आयोजन में समाज के ओमप्रकाश गुगनानी, दाताराम गुगनानी, मदनलाल गुगनानी, कालीचरण गिरधर, किशोरीलाल अरोरा, सुभाष बत्रा, अनिल बत्रा, खेमचंद मदान, चरणजीत गुगनानी, विक्की गुगनानी, महेंद्र गुगनानी, डॉ शिशिर गुगनानी, अनिल बत्रा, शिवम बत्रा, नवीन गुगनानी, राजीव मदान, संजीव मदान, दीपक मदान, यश गुगनानी, अमित बत्रा, अंकित बत्रा, सक्षम मदान, तनय गुगनानी, मुदित गुगनानी, विदित गुगनानी, राजेश गुगनानी, दीपक गुगनानी, यथार्थ गुगनानी, समर्थ गुगनानी, आरव गुगनानी, प्रकाश छतवाणी, नरेश भावसार, निर्मल धनकानी, महेश गुजरे, संजय साहू, प्रदीप ठाकुर, मुकेश राठौर, बबलू मानधाता और समाज की महिलाएं, बच्चे बड़ी संख्या में सम्मिलित थे।