dilapidated school building: जर्जर स्कूल भवन बन सकता है बच्चों के लिए खतरा, चोरी होने का भी बना रहता डर

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dilapidated school building: बैतूल। शोभापुर के अंबेडकर चौक के सामने माध्यमिक और प्राइमरी स्कूल एक साथ लगते हंै। यह एक सरकारी स्कूल है और पर्याप्त ध्यान नहीं दिए जाने के कारण इस स्कूल की हालत बेहद खराब हो चुकी है। भवन की जर्जर हालत छोटे-छोटे बच्चों के लिए कभी भी बड़ा खतरा बन सकती है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए सारणी नगर पालिका के नेता प्रतिपक्ष पिंटिश नागले ने बताया कि स्कूल की बाउंड्रीवॉल चारों तरफ से टूट चुकी है। छत जर्जर हो चुकी है। इससे बच्चों की जान का खतरा है। इसके बावजूद भी नगर पालिका प्रशासन इसमें सुधार कार्य नहीं कर रहा है। जबकि नगर पालिका करोड़ों रुपये रिपेयरिंग और डिस्मेंटल के कार्य में भेंट चढ़ा दे रहा है।

शिक्षा के मंदिर के लिए फंड नहीं (dilapidated school building)

दूसरी ओर जहां छोटे-छोटे बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं, उस शिक्षा के मंदिर को सुधारने के लिए नगर पालिका के पास फंड नहीं है। उन्होंने बताया कि आज बच्चों के संवाद, स्कूल चले अभियान के तहत वे स्कूल पहुंचे तो ऐसी स्थिति देखकर काफी दुखी और चिंतित हुए।

बच्चों के साथ बन सकती यह स्थिति (dilapidated school building)

श्री नागले ने बताया कि इस स्कूल में बच्चों का भविष्य अंधकार में है। कभी भी उनके ऊपर छत का छज्जा गिर सकता है, आवारा जानवर घुस सकते हैं, कुत्ते घुस सकते जो छोटे-छोटे बच्चों पर हमला कर सकते हैं। कई बार स्कूल की प्रधान पाठक प्रमिला पाटिल ने नगर पालिका को सूचना दी है परंतु सिर्फ आश्वासन ही मिला।

पहले हो चुकी है चोरी की घटनाएं (dilapidated school building)

श्री नागले के अनुसार नगर पालिका द्वारा सुधार कार्य नहीं कराए जाने का ही नतीजा है कि पहले भी स्कूल में कई बार चोरी की घटनाएं हो चुकी है। कई कीमती और जरूरी दस्तावेजों को चोरों ने फाड़ के फेंक दिए तो कुर्सी-टेबल उठा कर ले गए। इससे स्टाफ भी चिंतित रहता है।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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