Betul News Today: बैतूल। मध्य प्रदेश राजस्व निरीक्षक संघ ने राजस्व संग्रहण में आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों और वेतन भुगतान की समस्या को लेकर राजस्व आयुक्त, भू-अभिलेख आयुक्त के नाम कलेक्टर कलेक्टर भू अभिलेख शाखा के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में राजस्व निरीक्षकों की विभिन्न समस्याओं को उठाते हुए उनके शीघ्र समाधान की मांग की गई।
राजस्व निरीक्षकों ने बताया कि प्रत्येक वित्तीय वर्ष में राजस्व संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। बैतूल जिले के लिए करीब 17 करोड़ रुपये के राजस्व संग्रहण का लक्ष्य रखा गया था, जिसे पूरा करने के लिए कलेक्टर के निर्देशानुसार तहसीलदार और नायब तहसीलदार के साथ मिलकर वसूली के प्रयास किए गए।
इन सबके बावजूद लक्ष्य के अनुरूप राजस्व संग्रह नहीं हो सका, जिससे अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारियों का वेतन रुक गया। ग्लोबल बजट में राशि खत्म होने के कारण वेतन भुगतान संभव नहीं हो सका। राजस्व निरीक्षक संघ ने मांग की कि शीघ्र ही ग्लोबल बजट में राशि आवंटित की जाए ताकि उनका वेतन जारी हो सके और वे अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन कर सकें।
ऑनलाइन पोर्टल में सुधार की मांग
संघ ने ज्ञापन में वेब जीएस पोर्टल में सुधार करने की मांग की, जिससे बकायादारों की सूची में उनके नाम, मोबाइल नंबर और पते दर्ज किए जा सकें। इसके अलावा, एसडीओ लॉगिन में ग्रामवार डायवर्सन खसरा रिकॉर्ड उपलब्ध कराने की मांग की, ताकि सभी आवेदकों की जानकारी ऑनलाइन देखी जा सके।
राजस्व निरीक्षकों ने सुझाव दिया कि जब तक बकाया राजस्व भू-अभिलेख पोर्टल पर जमा नहीं होता या साइबर ट्रेजरी से नजूल रेंट का भुगतान नहीं किया जाता, तब तक संबंधित व्यक्ति की रजिस्ट्री न हो। इसके लिए रजिस्ट्री विभाग को आदेश जारी किया जाए।
सुविधाओं और संसाधनों की मांग
संघ ने राजस्व निरीक्षकों को लैपटॉप, कंप्यूटर और प्रिंटर उपलब्ध कराने की मांग की, जिससे वे सीमांकन रिपोर्ट और सर्किल रिकॉर्ड का संधारण कर सकें। इसके अलावा, सीमांकन के दौरान विवादों से बचने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था करने की भी मांग की गई।
संघ ने सीमांकन के लिए उन्नत तकनीक जैसे ईटीएसएम, रोवर, जरीब, टैप आदि उपलब्ध कराने की अपील की, जिससे अधिकतम सीमांकन और नक्शा दुरुस्ती के प्रकरणों का शीघ्र समाधान हो सके।
राजस्व निरीक्षकों ने ज्ञापन में मांग की कि उन्हें अन्य विभागों की तरह वाहन सुविधा दी जाए ताकि वे विभागीय कार्यों का सुचारू संचालन कर सकें। इसके अलावा, स्टेशनरी भत्ता 5000 रुपये करने, अतिरिक्त सर्किल का मानदेय देने और प्रमोशन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने की भी अपील की गई। संघ ने शनिवार और रविवार की छुट्टी देने, 13वें महीने का वेतन लागू करने और त्योहारों पर भोजन-पानी की सुविधा पुलिस विभाग की तरह देने की भी मांग की।
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राजस्व प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की मांग
राजस्व निरीक्षकों ने आग्रह किया कि डायवर्सन टैक्स और नजूल रेंट का भुगतान यूपीआई, फोन पे, गूगल पे और अन्य डिजिटल माध्यमों से किया जा सके। साथ ही, मध्य प्रदेश किसान ऐप में बिजली बिल की तरह खसरा नंबर डालकर डायवर्सन टैक्स जमा करने की सुविधा दी जाए।
संघ ने बताया कि वर्तमान में सीमांकन प्रक्रिया की समय सीमा 45 दिन तय है, लेकिन फील्ड में विवादों के चलते कई बार प्रकरणों का समाधान समय पर नहीं हो पाता। इसलिए समय सीमा को लचीला बनाया जाए।