Betul Ke Charchit Ghotale: बैतूल। हाल ही मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की चिचोली जनपद पंचायत में करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया था। अब पूर्व प्रदेश कांग्रेस सचिव ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर और भी कई घोटालों का खुलासा किया है। इससे ऐसा लग रहा है कि अफसरों ने सरकारी योजनाओं को केवल अपना घर भरने का जरिया भर बना रखा है। मजेदार बात यह है कि हर घोटाले में जो अफसर केंद्र में नजर आ रहा है, उसका अभी तक बाल भी बांका नहीं हो सका है।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव मनोज आर्य ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि अधिकारियों ने दस्तावेज जला दिए, जमीन के नाम हटा दिए और अफसरों ने अपने परिजनों की कंपनियों से लाखों-करोड़ों की बंदरबांट कर डाली। उन्होंने सीबीआई व ईओडब्ल्यू से जांच की मांग की और चेतावनी दी कि एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही भोपाल जाकर सरकार के सामने यह मामला उठाएगा। श्री आर्य ने इन मामलों की सीबीआई एवं ईओडब्ल्यू से निष्पक्ष जांच करवाने तथा दोषियों पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की।
जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर की मांग (Betul Ke Charchit Ghotale)
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव मनोज आर्य ने कहा कि चिचोली, भीमपुर और आमला जनपद पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कुल 13 करोड़ रुपये का गबन हुआ है। जिन अधिकारियों के डीएससी (डिजिटल सिग्नेचर) से भुगतान किया गया, उनकी भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन घोटालों में उच्च अधिकारियों के संरक्षण और मार्गदर्शन में फर्जीवाड़ा कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया। कांग्रेस ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर की मांग की है।
जमीन घोटाले का भी किया खुलासा (Betul Ke Charchit Ghotale)
इसके साथ ही चिचोली जनपद पंचायत की भूस्वामित्व वाली भूमि, पटवारी हल्का नंबर 11 के अंतर्गत खसरा नंबर 214, रकबा 0.821 हेक्टेयर के जमीन घोटाले का मामला भी प्रेस वार्ता में उठाया गया। मनोज आर्य ने बताया कि इस बेशकीमती जमीन को भाजपा से जुड़े भूमाफियाओं के साथ साठगांठ कर जनपद पंचायत की स्वामित्व से हटाकर शासन के नाम दर्ज किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे प्रकरण में जनपद सभा के प्रस्ताव को नजर अंदाज किया गया और मिलीभगत कर करोड़ों की जमीन हस्तांतरित की जा रही है। उन्होंने बताया कि जमीन की रजिस्ट्री, बही रिकॉर्ड आदि दस्तावेजों को अधिकारियों द्वारा जला कर साक्ष्य नष्ट कर दिए गए हैं। कांग्रेस ने मांग की कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर जमीन पुन: जनपद के नाम दर्ज की जाए।
2021-22 के बीच 32.90 लाख का गबन (Betul Ke Charchit Ghotale)
प्रेस वार्ता में महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़े वर्ष 2019-20 और 2021-22 के बीच हुए 32 लाख 90 हजार रुपये के गबन को लेकर भी सवाल उठाए गए। बताया गया कि यह राशि क्षतिग्रस्त आंगनवाड़ी केंद्रों की मरम्मत के लिए दी गई थी, लेकिन वास्तविक कार्य के बजाय केवल पुताई कर राशि निकाल ली गई। कांग्रेस ने इस प्रकरण की जांच कर संबंधित अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने और राशि की वसूली की मांग की।
अमृत सरोवर मामले में करोड़ों के वारे न्यारे (Betul Ke Charchit Ghotale)
मनोज आर्य ने बताया कि वर्ष 2021-22 एवं 2023-24 में अमृत सरोवर मरम्मत योजना के अंतर्गत चिचोली जनपद पंचायत में 112 कार्यों को स्वीकृति दी गई थी। इन कार्यों के लिए कुल 7 करोड़ 53 लाख 55 हजार रुपये स्वीकृत हुए थे, जिसमें मनरेगा की राशि भी शामिल थी। यह कार्य आरईएस विभाग के सुपरविजन में होने थे, लेकिन अधिकतर कार्यों में सिर्फ लीपापोती कर राशि निकाल ली गई।
उन्होंने इस पूरे प्रकरण को फर्जीवाड़ा बताते हुए कहा कि इसमें बड़े पैमाने पर सरकारी धन का गबन हुआ है। कांग्रेस ने इस मामले में भी सीबीआई और ईओडब्ल्यू से जांच करवाने और दोषियों पर एफआईआर की मांग की है।
भाई की कंपनी को वेंडर बनाकर भुगतान (Betul Ke Charchit Ghotale)
प्रेस वार्ता में मनोज आर्य ने यह भी खुलासा किया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत आरईएस विभाग के तत्कालीन एसडीओ अभिषेक वर्मा द्वारा अपने भाई की कंपनी बिल्डट्रस्ट इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को वेंडर बनाकर करोड़ों रुपये का भुगतान करवाया गया। कांग्रेस ने इस कंपनी और अधिकारी की भूमिका की गहन जांच कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री से मिलेगा प्रतिनिधि मंडल (Betul Ke Charchit Ghotale)
प्रेस वार्ता के अंत में यह घोषणा की गई कि इन सभी प्रकरणों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही भोपाल जाकर मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों से भेंट करेगा एवं सीबीआई जांच की औपचारिक मांग करेगा। (Betul Ke Charchit Ghotale)