विजय सावरकर, मुलताई (Betul Health News)। बैतूल जिले के मुलताई में सरकारी अस्पताल में पदस्थ बीएमओ और बंधपत्र चिकित्सा अधिकारियों के बीच ड्यूटी करने को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। जहां बीएमओ डॉक्टर पंचमसिंह ने चार बंधपत्र चिकित्सा अधिकारियों पर ड्यूटी को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कार्यमुक्त करने पत्र लिखा है। वहीं चारों चिकित्सा अधिकारियों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को संयुक्त रूप से इमरजेंसी ड्यूटी पूरी निष्ठा से करने की जानकारी देकर वरिष्ठ चिकित्सकों पर इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान मदद नहीं करने का आरोप लगाया है।
मामले में बीएमओ डॉक्टर पंचमसिंह ने बंध पत्र चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुलशन परिहार,डॉ. देशमणी केवट,डॉ.पियूष जांगलवा और डॉ अंचल माहोरे को जारी पत्र में जानकारी दी है कि आपके द्वारा कर्तव्य स्थल पर अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित रहने एवं उच्च अधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं करने के साथ-साथ खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी ड्यूटी रोस्टर का पालन भी नहीं किया जा रहा है। हफ्ते में एक-दो दिन डयूटी करने के पश्चात मुख्यालय पर उपस्थित नहीं रहते हैं। जिसकी न तो आपके द्वारा अनुमति ली जाती है और किसी प्रकार की सूचना भी नहीं दी जाती है।
ड्यूटी टाईम में भी अधिकांश समय अनुपस्थित पाये जाते हैं। वहीं निर्देशों की अवहेलना कर फेस रिडिंग मशीन में आज दिनांक तक रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया है। यह संज्ञान में आया है कि सार्थक एप पर भी भ्रामक उपस्थिति दर्ज की जा रही है। साथ ही अस्पताल आने वाले मरीजों से कटु व्यवहार की शिकायत निरंतर आ रही है। जिसके कारण अस्पताल की छवि धूमिल हो रही है। आपके द्वारा किया गया कृत्य सिविल सेवा अधिनियम 1965 का स्पष्ट उल्लंघन करना पाया जा रहा है। जिससे यह प्रतीत होता है कि आपकी शासकीय कार्यों में रुचि नहीं है।
पूर्व में भी इस संबंध में आपको मौखिक एवं लिखित में सूचना दिए जाने के बावजूद भी आप सभी के द्वारा अपने कार्यों मे किसी भी प्रकार का सुधार परिलक्षित नहीं हो पा रहा है। बीएमओ ने चरों बंधपत्र चिकित्सा अधिकारी को तत्काल प्रभाव से सरकारी अस्पताल से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर कार्यमुक्त करने का उल्लेख जारी पत्र में किया है।
बीएमओ पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप
इधर दूसरी ओर चारों चिकित्सकों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को संयुक्त रूप से आवेदन प्रेषित कर सरकारी अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पूरी निष्ठा से करने की जानकारी देते हुए बताया है कि बंध पत्र पर कार्यरत होने के कारण जटिल इमरजेंसी केस में इलाज करने में कठिनाई होती है। जिसके लिए वरिष्ठ चिकित्सकों को फोन लगाते हैं तो वह हमारी मदद के लिए नहीं आते हैं।
कई बार बीएमओ को भी कॉल लगाया लेकिन वह रात के समय काल का जवाब नहीं देते हैं। शासन के नियमानुसार सार्थक एप के माध्यम प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। लेकिन बीएमओ द्वारा प्रतिदिन उपस्थिति फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन एवं उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज करने और इमरजेंसी ड्यूटी उनके हिसाब से करने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। बीएमओ द्वारा कोई इमरजेंसी में पोस्ट मार्टम का कोई भी कार्य नहीं किया जाता है।
इनका कहना है…
चारों चिकित्सक सतत रूप से निर्देशों की अवेलहना कर रहे हैं। एक दिन आकर हफ्ते भर की उपस्थित दर्ज कराकर अपनी मर्जी से हस्ताक्षर कर देते हैं।
डॉक्टर पंचमसिंह
बीएमओ, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मुलताईडॉक्टर पंचम सिंह प्रभारी बीएमओ हैं। हमको कार्य मुक्त करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है
डॉ गुलशनसिंह परिहार
बंध पत्र चिकित्सा अधिकारी, मुलताई