Ban on bore mining: कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने जिले में निजी, नवीन नलकूप खनन पर लगाए गए प्रतिबंध में कृषकों और आमजनों को 31 मार्च तक शिथिलता प्रदान की है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही जिला किसान कांग्रेस ने किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर कल ज्ञापन सौंपा था। जिसमें ट्यूबवेल खनन पर से प्रतिबंध हटाए जाने की मांग भी थी।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिले में मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत निजी, नवीन नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगाया गया था। उक्त प्रतिबंध प्रभावशील होने के उपरांत समस्त जिले के वृहद संख्या में कृषकों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा उक्त प्रतिबंध से कुछ समयावधि के लिए छूट प्रदान करने की मांग की गई थी।
कृषकों की समस्या व आमजनों की मांग को दृष्टिगत रखते हुए एवं तकनीकी अधिकारी से चर्चा उपरांत 4 मार्च 2025 को जारी नवीन नलकूप खनन के प्रतिबंध में शिथिलता प्रदान करते हुये आंशिक संशोधन कर 31 मार्च तक प्रतिबंध से मुक्त कर कृषकों एवं आमजनों को निजी, नवीन नलकूप खनन के लिए अनुमति प्रदान की है। उक्त आदेश 1 अप्रैल 2025 से पुन: यथावत प्रभावशील रहेगा, जिसके तहत सभी शर्तें यथावत रहेंगी।
किसान कांग्रेस ने की थी ज्ञापन में यह मांगें
उल्लेखनीय है कि जिले के किसानों की समस्याओं को लेकर जिला किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रमेश गायकवाड़ ने कलेक्टर को शुक्रवार को ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में ट्यूबवेल खनन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने और सिंचाई पंप की सप्लाई दिन में 12 से 6 बजे तक बंद रखने की मांग की गई थी।
किसानों को वर्तमान में पानी की सख्त जरुरत
रमेश गायकवाड़ ने बताया कि किसानों को पानी की सख्त जरूरत है, ऐसे में ट्यूबवेल खनन पर अभी रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। जिले में किसान इस समय गन्ना, मक्का और मूंग की फसलें लगा चुके हैं, वहीं गेहूं की कटाई का काम भी जारी है।
आग लगने की भी बढ़ गई हैं घटनाएं
इस भीषण गर्मी में शॉर्ट सर्किट के कारण खेतों में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि दोपहर 12 से शाम 6 बजे तक सिंचाई पंप की बिजली सप्लाई बंद कर दी जाएं और बाकी समय में बिजली दी जाए ताकि आगजनी की घटनाओं को रोका जा सके।