Punishment in fake currency case: मध्यप्रदेश के बैतूल में नकली नोट छाप कर उन्हें बाजार में असली के रूप में खपाने वाले दो आरोपियों को 5-5 वर्ष के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई है। बैतूल जिले के भैंसदेही स्थित अपर सत्र न्यायालय ने यह सजा सुनाई। इस मामले के एक आरोपी को सब्जी दुकानदारों ने पकड़ कर और जागरूकता दिखाते हुए पुलिस को सौंपा था।
इस प्रकरण की जानकारी देते हुए सहायक जिला अभियोजन अधिकारी भैंसदेही मनवीर सिंह ठेनुआ ने बताया कि नकली नोटों की कूटरचना कर उन्हें बाजार में असली के रूप में खपाने के मामले में आरोपी महेश राकडे, उम्र 34 वर्ष, निवासी बच्चा जेल चौक, प्रताप वार्ड, टिकारी, बैतूल को धारा 489ए, 489बी, 489सी, 489डी भारतीय दंड विधान में दोषी पाते हुए 5-5 वर्ष के कठोर कारावास और 1000-1000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। वहीं आरोपी वीरेन्द्र पांडे, उम-43 वर्ष, मेघनाथ मोहल्ला, प्रताप वार्ड, टिकारी, बैतूल को धारा 489सी भादंवि में दोषी पाते हुए 5 वर्ष के कठोर कारावास और 1000 रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है।
यह है नकली नोट का यह पूरा मामला
श्री ठेनुआ ने बताया कि 28 जनवरी 2020 को मंगलवार के दिन फरियादी रामराव शिवनकर ने आमला रोड झल्लार पर साप्ताहिक बाजार में अपनी दुकान लगाई थी। उसकी दुकान पर शाम करीब 5.45 बजे एक व्यक्ति आया और उसने दुकान से 50 रुपये का लहसुन खरीदा। उसने 200 रुपये का नोट दिया। फरियादी रामराव ने उसे 150 रूपये वापस किये और उस 200 रुपये के नोट को देखा तो वह नोट उसे असली जैसा नहीं लगा।
नोट में पाई गई यह खामियां
इस पर उसने पड़ोसी दुकानदार शिवम साहू व विनोद राठौर को वह नोट दिखाया। उन्होंने उस नोट का असली नोट से मिलान करके देखा तो उक्त नोट में बीच में धातु का चमकदार तार नहीं था व नोट की खाली जगह में गाँधी जी की फोटो दिखाई नहीं दे रही थी। इस पर इन लोगों नोट देने वाले व्यक्ति को रोका तो वह भागने लगा। उन्होंने बाजार की भीड़ में उस व्यक्ति को मुश्किल से पकड़ा। आरोपी महेश ने उनसे कहा कि वे अपने पैसे रख लें और उसे छोड़ दें। इसके बाद फरियादी रामराव, दुकानदार विनोद व शिवम, महेश राकड़े को थाना झल्लार लेकर आये तथा सूचना पुलिस को दी।
पुलिस ने मामला दर्ज शुरू की कार्रवाई
फरियादी रामराव की सूचना के आधार पर थाना झल्लार में अभियुक्त महेश राकडे के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया और अन्वेषण प्रारम्भ किया गया। अभियुक्त महेश की तलाशी लिए जाने पर उसके पास 200 रुपये के दो नकली नोट एवं उसकी जैकिट में 150 रुपये पाए गए, जिन्हें पुलिस द्वारा जब्त किया गया। अन्वेषण के दौरान पाया गया कि अभियुक्त महेश और वीरेंद्र मिलकर नकली नोट छापने और उन्हें असली के रूप में खपाने का काम करते थे।
देवास और नासिक से कराई गई जांच
घटना दिनांक को अभियुक्त महेश और वीरेन्द्र नकली नोट खपाने के लिए आमला रोड झल्लार में आये थे। वहां पर अभियुक्त महेश को नकली नोट चलाते हुए लोगों पकड़ लिया और वीरेन्द्र मौका पाकर वहां से भाग गया था। विवेचना के दौरान पुलिस ने अभियुक्त वीरेंद्र के कब्जे से एक 200 रुपये का नकली नोट जब्त किया। पुलिस ने प्रकरण में अभियुक्त एवं फरियादी से जब्त नोटों की जाँच बैंक प्रेस नोट देवास एवं इंडिया सिक्योरिटी प्रेस नासिक महाराष्ट्र से कराई तो उक्त नोट नकली होना पाए गए।
अभियोजन ने प्रमाणित किया अपराध
प्रकरण का विचारण अपर सत्र न्यायालय, भैंसदेही द्वारा किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का संचालन करते हुए सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, भैंसदेही मनवीर सिंह ठेनुआ ने न्यायालय के समक्ष अभियोजन मामले को संदेह से परे प्रमाणित किया। अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने अभियोजन मामले को संदेह से परे प्रमाणित मानकर अभियुक्त महेश राकडे और वीरेन्द्र पांडे को कठोर कारावास और अर्थदंड से दण्डित किया है।