Betul Cold Alert : बैतूल। जिले में लगातार बढ़ती ठंड को देखते हुए कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने जिले में सभी निकायों के प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर अलाव आदि की व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश दिए थे। इसी तारतम्य में गुरुवार देर रात्रि कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ठंड के मद्देनजर शहर में की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने भ्रमण पर निकले।
सबसे पहले कलेक्टर रेलवे स्टेशन पहुंचे। उन्होंने यहां सो रहे लोगों से चर्चा की और उनकी उचित व्यवस्था न दिखाई देने पर उन्हें ऑटो में रैन बसेरे पहुंचवाया। उन्होंने रैन बसेरे में भोजन और विश्राम की उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए। इसके बाद कलेक्टर कोठी बाजार स्थित बस स्टैंड पहुंचे। उन्होंने यहां भी सो रहे लोगों से चर्चा की और उन्हें स्वास्थ्य के दृष्टिगत ठंड में ना सोने की हिदायत दी। सो रहे व्यक्तियों को रैन बसेरा पहुंचवाया।
बढ़ती ठंड के दृष्टिगत कलेक्टर ने ऐसे सभी से आग्रह किया है कि खुले में न सोए। शासन द्वारा रैन बसेरे में उचित व्यवस्था की गई है, उसका लाभ लें। उन्होंने अधिकारियों को जिले में रैन बसेरे का विस्तार करने के भी निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एडीएम राजीव नंदन श्रीवास्तव, मुख्य नगरपालिका अधिकारी सतीश मत्सेनिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
शीत लहर से बचने स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
इधर स्वास्थ्य विभाग ने शीत लहर से जनमानस को बचाने के लिए गुरूवार को एडवाइजरी जारी की है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रांजल उपाध्याय डीआईओ ने बताया कि शीत लहर का प्रभाव प्रत्येक वर्ष दिसंबर-जनवरी के महीनों में होता है और कभी-कभी विस्तारित शीत लहर की घटनाएं नवंबर से फरवरी तक होती है। जिसके चलते सर्द हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने के साथ-साथ यदाकदा मृत्यु होना भी संभावित है। शीतलहर का नकारात्मक प्रभाव वृद्धजनों एवं 5 वर्ष के छोटे बच्चों पर अधिक होता है। इसके अतिरिक्त दिव्यांगजनों, बेघर व्यक्तियों, दीर्धकालिक बीमारियों से पीड़ित रोगियों, खुले क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिए भी शीतलहर के दौरान विशेष सतर्कता बरतना आवश्यक है।
कार्बन मोनोऑक्साइड पॉइजनिंग का भी खतरा
शीत लहर एवं सर्द हवाओं के दौरान घरों में उपयोग किये जाने वाले हीटर/फायर पार्ट आदि बंद कमरों में उपयोग करने के कारण कार्बन मोनोऑक्साइड पॉइजनिंग का भी खतरा होना संभावित है। वर्तमान में शीत ऋतु में शीत-घात (शीतलहर) की वजह से अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं से समय से पूर्व बचाव कर लिया जाए तो इस प्राकृतिक विपदा का सामना किया जा सकता है।
शीत लहर में जन सामान्य के लिए सलाह
स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियो, टीवी एवं समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया द्वारा जा रही जानकारी का अनुसरण करें। पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहनें। नियमित रूप से गर्म पेय पीते रहें। शीत लहर के समय विभिन्न प्रकार की बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है, जैसे- फ्लू, सर्दी, खांसी एवं जुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर चिकित्सक से संपर्क करें। उन्होंने बताया कि अल्प ताप अवस्था के लक्षण जैसे- सामान्य से कम शरीर का तापमान, न रूकने वाली कंपकपी, याददाश्त चले जाना, बेहोशी या मूर्छा की अवस्था का होना, जबान का लड़खडाना आदि प्रकट होने पर चिकित्सक से संपर्क कर उपचार प्राप्त करें।
शीत लहर के समय क्या करें
पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे- दस्ताने, टोपी, मफलर, एवं जूते आदि पहने। शीतलहर के समय चुस्त कपड़े ना पहनें यह रक्त संचार को कम करता है, इसलिये हल्के ढीले-ढाले एवं सूती कपड़े बाहर की तरफ एवं ऊनी कपड़े अंदर की तरफ पहने। शीत लहर के समय जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहें और कोशिश करें कि अतिआवश्यक हो तो ही बाहर यात्रा करें। पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं नियमित रूप से गर्म पेय पदार्थ का अवश्य सेवन करें। आवश्यकतानुसार रूम हीटर का उपयोग करें एवं रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें।