Toll Plaza Free Expressway: नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सफर करना भले किसे पसंद नहीं होता। चिकनी, सपाट सड़क और आसपास के मनोरम दृश्यों को निहारते हुए इस पर लंबा सफर भी कैसे कट जाता है, यह पता ही नहीं चल पाता। लेकिन, इस शानदार सफर के लिए जेब भी ढीली करना होता है। किसी-किसी एक्सप्रेसवे पर तो इतने टोल प्लाजा होते हैं कि वाहन के डीजल-पेट्रोल से ज्यादा पैसा टोल टैक्स के रूप में खर्च हो जाता है।
यही कारण है कि कई लोग हाईवे से सफर करने से बचना भी पसंद करते हैं। दूसरी ओर सरकार टोल टैक्स इसलिए वसूल करती है कि हाईवे या एक्सप्रेसवे के निर्माण पर लगी राशि को वसूल सके। इस बीच एक शानदार और सुखद खबर आ रही है। देश का एक बेहतरीन एक्सप्रेसवे ऐसा भी होगा, जिस पर एक भी टोल प्लाजा नहीं होगा। अभी इस एक्सप्रेसवे पर जो एकमात्र टोल प्लाजा है, उसे भी जल्द ही हटा लिया जाएगा।
यह एक्सप्रेसवे है दिल्ली से गुरुग्राम तक 27.6 किलोमीटर लंबा द्वारका एक्सप्रेसवे। यह देश का पहला एक्सप्रेसवे होगा जो कि फिजिकल टोल प्लाजा फ्री होगा। यह एक्सप्रेसवे फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम के साथ काम करेगा। यह सिस्टम लगाए जाने के बाद अभी इस पर बना एकमात्र टोल प्लाजा भी हटा लिया जाएगा। अगले कुछ महीनों में इस एक्सप्रेसवे पर फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम लागू हो जाएगा। इसके बाद टोल टैक्स अदा करने के लिए वाहन चालकों को कहीं भी रूकना नहीं पड़ेगा। वे फर्राटे भरते हुए पूरा सफर कर सकेंगे।
हालांकि ऐसा नहीं होगा कि सरकार या एनएचएआई द्वारा इस एक्सप्रेसवे को आम जनता के लिए पूरी तरह से टोल फ्री कर दिया जाएगा और इस पर सफर करने का कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। दरअसल, इस एक्सप्रेसवे पर भी टोल जरुर वसूला जाएगा, लेकिन वह अभी तक जैसे लिया जाता है, उस तरह वसूल नहीं किया जाएगा। इसके लिए यहां पर हाईटेक सिस्टम लगाया जा रहा है।
इस एक्सप्रेसवे पर इसके लिए फास्टैग स्कैन करने वाले एडवांस्ड रीडर और गाड़ियों की नंबर प्लेट पढ़ने वाले हाई पॉवर कैमरे ओवरहेड गैंट्री की मदद से यहां पर टोल वसूला जाएगा। यहां टोल वसूली के लिए सैटेलाइट सिस्टम काम करेगा। एनएचएआई इसके लिए यहां पर सैटेलाइट आधारित टोलिंग सिस्टम लगाने की तैयारी कर रहा है। यह सिस्टम मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम से वसूल किया जाएगा। यह सिस्टम लागू होने वाला यह देश का पहला एक्सप्रेसवे होगा।
इसमें होगा यह कि टोल अदा करने के लिए न तो कहीं टोल प्लाजा होगा और न ही कोई कर्मचारी होगा। वाहनों को भी कहीं फास्टैग स्कैन करवाने रूकने की जरुरत नहीं पड़ेगी। एक्सप्रेसवे पर खंभों पर लगे सेंसर और कैमरों से गाड़ियों का रिकॉर्ड दर्ज होगा और डेटा इलेक्ट्रॉनिक टोल भुगतान प्रणाली के जरिए आपके फास्टैग या एकाउंट से ऑटोमेटिक टोल टैक्स कट जाएगा।