Rain in 2025: मौसम विभाग ने दी खुशखबरी, इस साल सामान्य से 5% ज्यादा होगी बारिश, पूरे सीजन खूब बरसेंगे बदरा

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Rain in 2025: मौसम विभाग ने इस बार बारिश को लेकर अच्छी खुशखबरी दी है। विभाग के अनुसार 2025 के दौरान पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (जून से सितंबर) सामान्य से अधिक ( दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 104 प्रतिशत से अधिक) वर्षा होने की संभावना है। मात्रात्मक रूप से, पूरे देश में मौसमी वर्षा ± 5 प्रतिशत की मॉडल त्रुटि के साथ एलपीए ​​का 105 प्रतिशत होने की संभावना है। 1971-2020 की अवधि के लिए पूरे देश में मौसमी वर्षा का एलपीए 87 सेमी है।

पिछले तीन महीनों (जनवरी से मार्च, 2025) के दौरान उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया के बर्फ कवर क्षेत्र सामान्य से कम थे। उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत के दौरान बर्फ पड़ने का विस्तार आम तौर पर बाद के भारतीय ग्रीष्मकालीन मॉनसून वर्षा के साथ विपरीत सम्बंध रखता है। मौसम विभाग मई 2025 के अंतिम सप्ताह में मॉनसून के लिए अद्यतन पूर्वानुमान जारी करेगा। (Rain in 2025)

दोनों मॉडलों पर आधारित पूर्वानुमान दे रहे संकेत (Rain in 2025)

वर्ष 2003 से, भारतीय मौसम विभाग पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मौसमी (जून-सितंबर) वर्षा के लिए दो चरणों में परिचालन दीर्घावधि पूर्वानुमान (एलआरएफ) जारी कर रहा है। पहले चरण का पूर्वानुमान अप्रैल में जारी किया जाता है और दूसरे चरण या अद्यतन पूर्वानुमान मई के अंत तक जारी किया जाता है।

गतिशील और सांख्यिकीय दोनों मॉडलों पर आधारित पूर्वानुमान से पता चलता है कि मात्रात्मक रूप से, मॉनसून मौसमी वर्षा दीर्घावधि औसत की 105 प्रतिशत होने की संभावना है। औसत (एलपीए) ± 5 प्रतिशत की मॉडल त्रुटि के साथ। 1971-2020 की अवधि के लिए पूरे देश में मौसमी वर्षा का एलपीए 87 सेमी है। (Rain in 2025)

अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा (Rain in 2025)

वर्ष 2025 के दौरान (जून से सितंबर) वर्षा के लिए तीन श्रेणियों (सामान्य से अधिक, सामान्य और सामान्य से कम) के संभाव्य पूर्वानुमानों में स्थानिक वितरण से पता चलता है कि उत्तर-पश्चिम,पूर्वोत्तर और दक्षिण प्रायद्वीपीय के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक मौसमी वर्षा होने की संभावना है, जहां सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। (Rain in 2025)

उत्तरी गोलार्ध पर बर्फ की चादर (Rain in 2025)

उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत ऋतु में बर्फ की चादर का विस्तार आम तौर पर बाद में होने वाली भारतीय ग्रीष्मकालीन मॉनसून वर्षा के साथ विपरीत सम्बंध रखता है। जनवरी से मार्च, 2025 के दौरान उत्तरी गोलार्ध और यूरेशियाई बर्फ की चादर के क्षेत्रों में सामान्य से कम बर्फ देखी गई। (Rain in 2025)

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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