Large rail and highway projects : कई राज्यों ही नहीं देश के विकास को पंख लगाएंगे यह रेल और हाईवे के प्रोजेक्ट

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Large rail and highway projects : देश में इन दिनों कई रेल और नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट के काम चल रहे हैं। यह प्रोजेक्ट न केवल उन राज्यों, बल्कि पूरे देश के विकास को पंख लगा देंगे। इन प्रोजेक्टों का कार्य पीएम गतिशक्ति के अंतर्गत नेटवर्क योजना समूह के तहत चल रहा है। गुरुवार को हुई नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) की 85वीं बैठक में 5 प्रोजेक्टों (2 रेलवे और 3 राजमार्ग विकास परियोजनाओं) का आकलन किया गया। बैठक की अध्यक्षता उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के संयुक्त सचिव डॉ. सुरेन्द्र अहिरवार ने की।

इन प्रोजेक्टों में मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर का एकीकृत विकास, आर्थिक और सामाजिक ढांचे के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी, इंटरमॉडल कनेक्टिविटी और समन्वित परियोजना कार्यान्वयन पर जोर दिया गया है। इन परियोजनाओं से लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ावा मिलने, यात्रा समय में कमी आने और पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ के माध्यम से राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण मदद मिलने की उम्मीद है।

इन प्रोजेक्टों के पूरा होने पर देश के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है। जिससे हर क्षेत्र में निर्बाध संपर्क सुविधा सुनिश्चित होगी। यह पहल एकीकृत और सतत विकास के लिए सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है जिससे मल्टीमॉडल परिवहन प्रणालियों को मजबूत करने और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

डांगोआपोसी-जारोली तीसरी और चौथी लाइन (रेल मंत्रालय की परियोजना)

झारखंड और ओडिशा में मौजूदा कॉरिडोर के समानांतर 85.88 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन बनाने के लिए डांगोपोसी-जरोली परियोजना लाई गई है। ये लाइनें खनिज समृद्ध क्योंझर क्षेत्र से औद्योगिक केंद्रों और पारादीप बंदरगाह तक लौह अयस्क के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, जिससे कोयला, जिप्सम और उर्वरक जैसी थोक वस्तुओं की निर्बाध और कुशल ढुलाई सुनिश्चित होगी। यह परियोजना क्षमता बढ़ाएगी, व्यापार दक्षता में सुधार करेगी और लौह अयस्क की तेजी से निकासी होगी जिससे पूर्वी और उत्तरी भारत में औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

बुढ़वल-गोंडा कचहरी चौथी लाइन (रेल मंत्रालय की परियोजना)

बुढ़वल-गोंडा कचहरी परियोजना में 55.75 किलोमीटर लंबी चौथी रेल लाइन शामिल है, जो मौजूदा दोहरी लाइनों और चल रही तीसरी लाइन के काम को पूरक बनाती है। उत्तर प्रदेश में स्थित यह परियोजना बाराबंकी, बहराइच और गोंडा जिलों में संपर्क सुविधा को बढ़ाएगी जिससे यात्रियों की आवाजाही और माल ढुलाई में सुधार होगा। क्षमता में वृद्धि के साथ, यह लाइन प्रमुख क्षेत्रों से पूर्वोत्तर तक कोयला, सीमेंट, उर्वरक और इस्पात सहित वस्तुओं की आवाजाही को सुव्यवस्थित करेगी जिससे रसद दक्षता और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।

बाराबंकी-बहराइच मार्ग परियोजना (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय)

बाराबंकी-बहराइच परियोजना एनएच-927 कॉरिडोर के 101.54 किलोमीटर हिस्से को छह लेन वाली संरचनाओं के साथ 4-लेन में उन्?नत करने पर केंद्रित है। यह बेहतर संपर्क सुविधा लखनऊ, श्रावस्ती एयरपोर्ट, एनएच-27 और भारत-नेपाल सीमा को जोड़ेगी जिससे उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत में व्यापार में सुविधा होगी और यात्रा समय में कमी आएगी। यह परियोजना उद्योगों, पर्यटन और व्यापार गतिविधियों को बढाएगी और आर्थिक अवसरों का मार्ग प्रशस्?त होगा।

कानपुर रिंग रोड-कबरई परियोजना (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय)

कानपुर-कबरई राजमार्ग परियोजना के तहत छह लेन वाली 118.8 किलोमीटर लंबी 4-लेन वाली ग्रीनफील्ड राजमार्ग परियोजना विकसित की जाएगी जो कानपुर रिंग रोड को एनएच-35 पर कबरई से जोड़ेगी। यह सात रेलवे स्टेशनों और तीन हवाई अड्डों को मल्टीमॉडल संपर्क सुविधा से जोड़ेगी जिससे कानपुर, हमीरपुर और महोबा जिलों तक पहुंचना आसान होगा। यह परियोजना औद्योगिक विकास, पर्यटन और क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देगी जिससे उत्तर प्रदेश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

सिंघाना-तीतंवर परियोजना (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय)

सिंघाना-तितांवर परियोजना में राजस्थान में एनएच-311 के साथ 40.725 किलोमीटर लंबा 4-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड हाईवे प्रस्तावित है। वर्तमान की सिंगल-टू-इंटरमीडिएट लेन रोड की चुनौतियों का समाधान करके यह परियोजना सीकर, नागौर, जोधपुर और दिल्ली में माल ढुलाई और यात्री आवाजाही में सुधार लाएगी। इस परियोजना से सुचारू संचालन में सुविधा होगी, क्षेत्रीय व्यापार मजबूत होगा तथा राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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