Electric National Highway : यदि सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले कुछ सालों में भारत में भी सड़क पर चलने वाले वाहन पेट्रोल या डीजल से चलने के बजाय रेलगाड़ी की तरह बिजली से चलते नजर आएंगे। इन वाहनों पर ट्रेन के इंजन की तरह पेंटो लगा होगा और इनके सहारे वे लाइन से पॉवर लेंगे और इसी से वाहन चलेंगे। इस तरह के हाईवे स्वीडन में बने हैं और वहां बिजली से ही सड़क पर भी वाहन दौड़ते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में पहला इलेक्ट्रिक हाईवे दिल्ली से जयपुर के बीच बनाया जाएगा। इस पर 55 सीटर बसें चलाने की योजना है। वहीं नई दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे को भी इलेक्ट्रिक हाईवे बनाया जा सकता है या नहीं, यह देखने के लिए फिलहाल फिजिबिलिटी देखी जा रही है। दरअसल, यह नेशनल हाईवे 6 लेन का हो गया है। इसके दोनों ओर एक-एक लेन की जमीन अभी छूटी हुई है। ऐसे में इस पर इलेक्ट्रिक हाईवे बनने की संभावना है।
इस तरह चलते हैं इलेक्ट्रिक हाईवे पर वाहन
इलेक्ट्रिक हाईवे पर रेलवे की तरह ओवर हेड इलेक्ट्रिक लाइन होती है। इस पर चलने वाले वाहनों के ऊपर इंजन की तरह पेंटो लगा होता है। इलेक्ट्रिक हाईवे जोन में पहुंचते ही वाहनों में लगे पेंटो को ऊपर उठाना होगा। इसके बाद बिजली सप्लाई शुरू हो जाएगी। इलेक्ट्रिक हाईवे पर वाहन 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार से चल सकते हैं। इस पर बाकायदा कंट्रोल रूम भी होगा। इसे हाईवे पर चलने वाले हर वाहन की जानकारी होगी।
इलेक्ट्रिक हाईवे से यह होंगे फायदे
इलेक्ट्रिक हाईवे से सबसे बड़ा लाभ पर्यावरण को होगा। पेट्रोल-डीजल का उपयोग नहीं होने के कारण पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचेगा। इसके अलावा बिजली से चलने के कारण वाहनों को चलाने में खर्च भी कम आएगा, जिससे किराया और भाड़ा की दरें भी अपेक्षाकृत कम होंगी। वाहनों के नियंत्रित चलने से इस पर हादसे होने की संभावना भी बेहद कम हो जाएगी।