free tomatoes: कीमत में उतार-चढ़ाव का सबसे ज्यादा असर सब्जियों पर पड़ता है। कभी इनके दाम आसमान छूते हैं तो कभी इतने कम हो जाते हैं कि लागत भी नहीं निकल पाती। इसका सीधा असर किसानों पर पड़ता है। इन दिनों टमाटर के दाम गर्दिश में चल रहे हैं। आलम यह है कि इनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में एक किसान ने टमाटर फ्री में बांटना शुरू कर दिया है। लोग जहां उनके खेत से टमाटर तोड़ कर ले जा रहे हैं तो दूसरी ओर वे खुद भी टमाटर तुड़वा कर शहर में घूम-घूम कर बांट रहे हैं।
यह किसान है कि बैतूल बाजार के उन्नत कृषक भूपेंद्र किशोर उर्फ छुट्टू पवार। इन्होंने करीब डेढ़ एकड़ खेत में टमाटर की फसल लगाई हुई है। उनकी फसल भी अच्छी हुई, जिससे टमाटर की बंपर पैदावार हो रही है, लेकिन बाजार में टमाटर के दाम औंधे मुंह गिर गए हैं। इससे बैतूल मंडी में टमाटर नहीं बिक रहा है। ऐसे में उन्होंने खेत में टमाटर को खराब होने देने के बजाय इससे फ्री में बांट देने का फैसला लिया।
मजदूर लगाकर तुड़वा रहे टमाटर
किसान भूपेंद्र रोजाना अपने खेत से मजदूर लगाकर टमाटर तुड़वा रहे है और बैतूल बाजार नगर में घूमकर लोगों को फ्री में टमाटर बांट रहे हैं। वहीं जिन्हें जानकारी मिल रही है वे उनके खेत पहुंच कर भी टमाटर फ्री में ले जा रहे हैं।
उनका कहना है कि बड़ी लागत से खेत में टमाटर लगाया है, लेकिन बाजार में नहीं बिक रहा। टमाटर खेतों में खराब होगा, इससे अच्छा है कि वे टमाटर लोगों में बांट दें, दान कर दें, जिससे उन्हें पैसे तो नहीं मिलेंगे, लेकिन पुण्य जरूर मिलेगा।
लंबे समय से कर रहे सब्जियों की खेती
भूपेंद्र बताते है कि वे बहुत समय से सब्जियों की खेती करते आ रहे हैं, लेकिन इस समय जो हाल टमाटर के हैं, वैसे पहले कभी नहीं थे। उन्होंने एक एकड़ खेत में 55 हजार रुपए की लागत लगाकर देशी टमाटर लगाया और टमाटर की पैदावार भी अच्छी हुई, लेकिन दाम नहीं मिल रहे जिससे बड़ा नुकसान हो गया है।
खेत में छोड़ने से दोहरा होगा नुकसान
वे कहते हैं कि खेतों में लगे टमाटर खेत में छोड़ भी नहीं सकते क्योंकि टमाटर खेत में पककर गिरेगा तो अगली फसल में बीज फिर उग जाएगा। इससे दूसरी फसल भी खराब करेगा। इसलिए भारी मजदूरी देकर मजदूरों से टमाटर तुड़वाकर खेत खाली कर रहे है। लोगों को फ्री में बांट रहे हैं और ज्यादा पके टमाटर खेतों के बाहर फेंक दे रहे हैं।
बाहर से टमाटर ला रहे व्यापारी
सब्जी किसान सुभाष वर्मा और रवि बारमासे का कहना है कि बैतूल मंडी में होशंगाबाद और नागपुर से व्यापारी अपनी गाड़ी का किराया निकालने के लिए टमाटर और दूसरी सब्जी लाकर बेच रहे हंै। जिससे बैतूल लोकल के किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसा ही हाल रहा तो लोकल किसान सब्जी लगाना बंद कर देगा, जिससे बाजार में महंगाई बढ़ जाएगी। सरकार को चाहिए कि कम से कम सब्जियों के भी एक दाम तय करना चाहिए।