Nariyal ka mahtva: हर धार्मिक आयोजन में नारियल तो फोड़ते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं क्या है इसका अर्थ

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Nariyal ka mahtva: हम अक्सर देखते हैं कि घर में कोई छोटा सा आयोजन हो या फिर कोई बड़ा सार्वजनिक आयोजन, बिना नारियल फोड़े वह आयोजन होता ही नहीं है। हर त्योहार या किसी शुभ कार्य की शुरूआत नारियल फोड़ कर ही की जाती है। अधिकांश लोग यही मानते हैं कि यह पूर्वजों के समय से चली आ रही परिपाटी है, जिसका निर्वहन आज भी किया जा रहा है।

हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है बल्कि नारियल फोड़ने या अर्पित करने का भी एक अपना महत्व है और कुछ उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए ही नारियल फोड़ा जाता है। यही कारण है कि कोई भी पूजा, यज्ञ या हवन नारियल के बिना अधूरी मानी जाती है। हिंदू धर्म में नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। इसे अत्यंत शुभ और पवित्र माना गया है। नारियल को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है, और कुछ पुराणों में इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है।

अहंकार के त्याग का प्रतीक

हर पूजा-अर्चना में नारियल फोड़ना इस बात का प्रतीक होता है कि भक्त ने स्वयं को अपने इष्ट देवता के चरणों में समर्पित कर दिया है। नारियल का कठोर आवरण अहंकार का प्रतीक है, और इसे फोड़कर व्यक्ति अपने अहंकार को त्यागता है।

बलि की परंपरा का विकल्प

प्राचीन काल में मनुष्यों और जानवरों की बलि देने की प्रथा थी। इस हिंसक परंपरा को समाप्त करने के लिए नारियल को बलि के रूप में प्रस्तुत किया जाने लगा, क्योंकि इसका आकार मानव सिर से मिलता-जुलता है और इसे फोड़ने से रक्त के समान पानी निकलता है।

माना जाता है शुभता का प्रतीक

नारियल को श्रीफल कहा जाता है, जो मां लक्ष्मी का प्रतीक है। माना जाता है कि जिस घर में नारियल होता है, वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है, जिससे समृद्धि और सुख-शांति आती है।

नारियल फोड़ने का वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी

नारियल फोड़ने का केवल धार्मिक महत्व ही नहीं है अपितु इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसके यह लाभ गिनाए जाते हैं।

  • स्वास्थ्य लाभ: नारियल का जल और गूदा स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। पूजा के बाद प्रसाद के रूप में नारियल का सेवन करने से पोषण मिलता है और यह ऊर्जा का स्रोत है।
  • सामाजिक एकता: नारियल फोड़ने और उसे प्रसाद के रूप में बांटने से समुदाय में एकता और भाईचारे की भावना बढ़ती है। सभी लोग एक साथ प्रसाद ग्रहण करते हैं, जिससे सामाजिक संबंध मजबूत होते हैं।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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