Cement price 2024 : मकान या किसी भी स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए सीमेंट सबसे महत्वपूर्ण होता है। यही कारण है कि सीमेंट की कीमतों पर सभी की नजर रहती है। यदि यह महंगा हो जाए तो कई परिवारों को अपना मकान बनाने की योजना तक रद्द करना पड़ जाता है। हालांकि यह अच्छी बात है कि इन दिनों ऐसी नौबत किसी के सामने नहीं आ रही है। इसकी वजह यह है कि सीमेंट की कीमतों में इन दिनों भारी गिरावट आई है। आलम यह है कि सीमेंट के भाव 5 सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।
सीमेंट की कीमतों पर नजर रखने वाली एजेंसी यस सिक्योरिटीज के मुताबिक सीमेंट सेक्टर में कंपनियों के बीच भीषण प्रतिस्पर्धा चल रही है। यही कारण है कि कंपनियों को अपना माल खपाने और ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दामों में कमी करना पड़ रहा है। पिछले कुछ समय में कंपनियों ने दाम बढ़ाने की कोशिश जरुर की, लेकिन इसी प्रतिस्पर्धा और मांग कमजोर होने के चलते दोबारा उन्हें अपने कदम पीछे खींचते हुए कीमतों में की बढ़ोतरी वापस लेना पड़ा।
पांच सालों में सबसे निचले स्तर पर
रिपोर्ट में यह बताया गया है कि सीमेंट की मांग में कमजोरी बाजार की कमजोर गतिशीलता को बताती है। वहीं अधिक प्रतिस्पर्धा ने कंपनियों को अपने सीमेंट के कम दाम तय करने के लिए मजबूर किया है। यही कारण है कि सीमेंट की कीमतें पांच साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि हाल-फिलहाल या निकट भविष्य में सीमेंट की कीमतें बढ़ने के कोई आसार नहीं हैं। इससे मकान बनाने की चाह रखने वाले परिवारों की बल्ले-बल्ले हो गई है।
मूल्य वृद्धि बनाए रखने में नाकाम रही इंडस्ट्री
यूं तो हर वस्तु के दाम समय-समय पर बढ़ते हैं, लेकिन सीमेंट कंपनियों के बीच इतना कॉम्पीटिशन है कि सीमेंट इंडस्ट्री इस मूल्य वृद्धि को बनाए रखने में नाकाम रहा है। भविष्य को लेकर यह संभावना जताई गई है कि मांग में सुधार होने तक सीमेंट के भाव बढ़ने की कोई उम्मीद नहीं है। रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 के बीच से मांग में सुधार हो सकता है। यह सुधार बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं, ग्रामीण और शहरी आवासों की मांग और रियल एस्टेट गतिविधियों में उछाल के कारण होगा।
इस साल सुस्त ही रहेगी मांग
यस सिक्योरिटीज की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में सीमेंट की मांग इसी तरह सुस्त बनी रहेगी। हालांकि क्षमता उपयोग में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है। यह मांग और पूर्ति में अंतर को कम करेगा। इधर सीमेंट इंडस्ट्री वित्त वर्ष 2025 से 2030 के बीच करीब 90 मिलीयन टन सीमेंट क्षमता जोड़ने की उम्मीद कर रही है। इससे वित्त वर्ष 2027 तक स्थापित क्षमता 703 मिलीयन टन और 2028 तक 723 मिलीयन टन तक पहुंचने की उम्मीद है।
इतनी चल रही वर्तमान में सीमेंट की कीमतें
इस बारे में सीमेंट व्यवसायी मिथलेश सिंह का कहना है कि वर्तमान में बिरला कंपनी के सीमेंट की 50 किलोग्राम की बोरी 310 रुपये में आ रही है। अन्य कंपनियों के सीमेंट के दाम भी इसके आसपास ही हैं। वे कहते हैं कि बीते कुछ सालों से सीमेंट की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। जितनी बढ़ोतरी हर साल होना चाहिए, उतनी नहीं हुई है। इससे अब इस कारोबार में उतना प्रॉफिट नहीं रह गया है। वहीं दूसरी ओर अन्य वस्तुओं की कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है।
अन्य बिल्डिंग मटेरियल के दामों में इजाफा
इधर जानकारों का कहना है कि सीमेंट के भाव भले ही 5 सालों के सबसे निचले स्तर पर चल रहे हैं, लेकिन अन्य बिल्डिंग मटेरियल के दाम लगातार उछाल बना हुआ है। इनके दाम हर साल नियमित रूम से बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि कई परिवार ऐसे भी हैं जो कि सीमेंट के कम दामों का भी लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। हालांकि कई परिवार ऐसे हैं जो कि सीमेंट के दामों में आई कमी का लाभ उठाकर अपने घर का सपना साकार कर लिया है।