Surprise inspection of police stations: बैतूल। पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश कैलाश मकवाना द्वारा सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि 22 मार्च की रात्रि 11 बजे से 2 बजे के मध्य अपने-अपने क्षेत्र के थानों का आकस्मिक निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्थाओं एवं प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा करें। इसी क्रम में पुलिस महानिरीक्षक नर्मदापुरम जोन मिथिलेश कुमार शुक्ला द्वारा बैतूल जिले के थाना शाहपुर का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान थाना प्रभारी निरीक्षक मुकेश ठाकुर उपस्थित रहे। इसके अलावा अन्य पुलिस अफसरों ने भी जिले के विभिन्न थानों का निरीक्षण किया।
पुलिस महानिरीक्षक द्वारा थाना परिसर की साफ-सफाई, रजिस्टर संधारण, व्हीसीएनबी), गुंडा रजिस्टर, निगरानी बदमाश रजिस्टर आदि की जांच की गई। उन्होंने निर्देश दिए कि हिस्ट्रीशीटर अपराधियों के संबंध में यदि कोई मामला माफीनामा योग्य है तो उसे तैयार किया जाए और आवश्यक मामलों में हिस्ट्रीशीट तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय को भेजा जाए।
इसके अलावा, ई-साक्ष्य मोबाइल ऐप के अधिकतम उपयोग, समन एवं वारंटों के निष्पादन में सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से कार्य करने के निर्देश दिए गए। साथ ही थाना परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच कर खराब कैमरों को शीघ्र सुधारने के निर्देश भी दिए गए।
जिलों के थानों में पहुंचे यह अफसर
जिले में पदस्थ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा भी जिले के विभिन्न थानों का निरीक्षण किया गया।
- पुलिस अधीक्षक बैतूल निश्चल एन. झारिया (आईपीएस) ने आमला एवं मुलताई थाने का दौरा किया।
- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती कमला जोशी ने बैतूल बाजार थाना का निरीक्षण किया।
- एसडीओपी बैतूल सुश्री शालिनी परस्ते ने साईंखेड़ा थाना का निरीक्षण किया।
- एसडीओपी सारनी रोशन जैन ने सारनी थाना का निरीक्षण किया।
- एसडीओपी भैंसदेही भूपेंद्र सिंह मोर्या ने झल्लार थाना का निरीक्षण किया।
- एसडीओपी शाहपुर मयंक तिवारी ने चिचोली थाना का निरीक्षण किया।
पुलिस अधीक्षक द्वारा समीक्षा एवं निर्देश
पुलिस अधीक्षक बैतूल निश्चल एन. झारिया (आईपीएस) द्वारा सभी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण की समीक्षा की गई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि निरीक्षण के दौरान पहचानी गई कमियों को शीघ्र दूर किया जाएं एवं थाना स्तर पर प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से संचालित किया जाएं।
इस प्रकार के आकस्मिक निरीक्षणों से पुलिस थानों की कार्यप्रणाली का वास्तविक आकलन करने एवं सुधार की दिशा में आवश्यक कदम उठाने में सहायता मिलती है। भविष्य में भी वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार इसी प्रकार की कार्यवाही जारी रहेगी।