Production of crops 2025: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कृषि क्षेत्र की प्रगति के संबंध में कृषि भवन, नई दिल्ली में साप्ताहिक समीक्षा की। इसके साथ ही नैफेड व राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अधिकारियों के बैठक की। श्री चौहान ने बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों से फसलों की कटाई, बुआई, उपार्जन, उर्वरक, खाद-बीज की उपलब्धता, मौसम व सिंचाई के लिए जलाशयों आदि की स्थिति की जानकारी ली।
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने इस मौके पर उपज के थोक व खुदरा मूल्यों के बारे में समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने विभिन्न फसलों की पैदावार अच्छी होने की संभावना को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे किसानों को तो लाभ हो ही और फसलों की पूरी खरीद हो।
धान का रकबा बढ़ा, सरसो का घटा (Production of crops 2025)
अधिकारियों ने बैठक में बताया गया कि ग्रीष्मकालीन बुआई के मौसम के लिए 27 अप्रैल 2025 तक धान की बुआई में पिछले वर्ष की तुलना में 9.23 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है। तिलहनों के अन्तर्गत रेपसीड एवं सरसों का बुआई क्षेत्रफल पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 4.05 लाख हेक्टेयर कम है जो अन्य फसलों जैसे गेहूं एवं चना में डायवर्ट हुआ है। मूंग, चना और उड़द के रकबे में भी वृद्धि हुई है।
गेहूं की इतनी हो चुकी कटाई (Production of crops 2025)
गेहूं के लिए प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और बिहार हैं। कटाई की स्थिति (25.04.2025 तक) इस प्रकार है: मध्य प्रदेश (100 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (88 प्रतिशत), राजस्थान (100 प्रतिशत), गुजरात (100 प्रतिशत), हरियाणा (92 प्रतिशत), पंजाब (80 प्रतिशत) और बिहार (88 प्रतिशत) गेहूं की कटाई पहले ही हो चुकी है।
सभी राज्यों में परिपक्व हुई फसल (Production of crops 2025)
आज की तारीख में सभी राज्यों में फसल लगभग परिपक्वता चरण को पार कर चुकी है। मुंगफली की बुआई में भी वृद्धि हुई है। राजस्थान और गुजरात में अक्टूबर-नवंबर के दौरान उच्च तापमान और मध्य प्रदेश में मुख्य बुआई समय के दौरान मिट्टी में अधिक नमी के कारण सरसों की बुआई प्रभावित हुई जिसके कारण सरसों का क्षेत्र मुख्यत: गेहूं एवं चना में डायवजर्ट हुआ है।
श्री अन्न और मोटे अनाजों के अन्तर्गत बुआई का क्षेत्रफल पिछले वर्ष की तुलना में कम है जिसकी वजह महाराष्ट्र राज्य में ज्वार का क्षेत्रफल मक्का और सब्जियों में एवं कर्नाटक राज्य में ज्वार क्षेत्र का कुछ हिस्सा गेहूं और चना में डायवर्ट हुआ है।
मूंग और उड़द का इतना बढ़ा क्षेत्र (Production of crops 2025)
ग्रीष्मकालीन बुवाई के मौसम के लिए, वर्ष 2025-24 में धान की बुवाई पिछले वर्ष 2024-25 की तुलना में 4.03 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 27.64 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 31.67 लाख हेक्टेयर हो गई है। मूंग और उड़द के रकबे में भी क्रमश: 3.13 लाख हेक्टेयर और 0.43 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है (25 अप्रैल 2025 तक)।
गेहूं के बफर स्टॉक में रिकॉर्ड बढ़ोतरी (Production of crops 2025)
नैफेड के अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री श्री चौहान को चावल और गेहूं के बफर स्टॉक की जानकारी भी दी। गेहूं का वास्तविक स्टॉक 74.60 एलएमटी के बफर मानक के मुकाबले 117.94 एलएमटी था। चावल का वास्तविक स्टॉक 135.80 एलएमटी के बफर मानक के मुकाबले 382.09 एलएमटी था। चावल और गेहूं का वास्तविक स्टॉक 210.40 एलएमटी के बफर मानक के मुकाबले 500.03 एलएमटी था।
बफर स्टॉक में वृद्धि पर जताई खुशी (Production of crops 2025)
केंद्रीय मंत्री ने गेहूं के बफर स्टॉक में वृद्धि पर खुशी जताई। श्री चौहान ने नैफेड के कार्यों को समझते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऐसे प्रयास किये जायें जिससे उपभोक्ताओं चीजें सस्ती मिलें और किसान को भी ज़्यादा दाम मिल सकें।
टमाटर की फसल अच्छी, दाम घटे (Production of crops 2025)
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि बागवानी में भी क्षेत्रफल बढ़ा है और उपज भी अच्छी आ रही है। टमाटर की फसल अच्छी होने से दाम कम हुए हैं। जिस पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री चौहान ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये।
जलाशयों की भी इस बार बेहतर स्थिति (Production of crops 2025)
अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री श्री चौहान को बताया कि पूरे देश में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जलाशयों की कुल संग्रहण स्थिति बेहतर है और इसी अवधि के दौरान सामान्य संग्रहण से भी बेहतर है।
161 जलाशयों में उपलब्ध संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि के संग्रहण का 118 प्रतिशत और पिछले दस वर्षों के औसत संग्रहण का 119 प्रतिशत है। आगामी खरीफ सीजन 2025 के लिए उर्वरकों की आवश्यकता पर राज्यों के साथ समन्वय किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों से किसानों को खाद-बीज आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कहा।