Swip in Fix Deposit: स्वीप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) एक विशेष बैंक सेवा है जो आपके बचत खाते में जमा अतिरिक्त राशि को स्वचालित रूप से एफडी में परिवर्तित करती है। इस प्रक्रिया से आप बचत खाते की तरलता और एफडी की उच्च ब्याज दर, दोनों का लाभ उठा सकते हैं।
यह कैसे काम करती है?
स्वीप-इन एफडी में, आपके बचत खाते के लिए एक न्यूनतम बैलेंस सीमा (थ्रेशहोल्ड) निर्धारित की जाती है। जब आपके खाते में इस सीमा से अधिक राशि जमा होती है, तो अतिरिक्त धनराशि स्वचालित रूप से एफडी में परिवर्तित हो जाती है। उदाहरण के लिए, यदि आपके खाते की थ्रेशहोल्ड सीमा ₹40,000 है और आपके खाते में ₹70,000 जमा हैं, तो अतिरिक्त ₹30,000 एफडी में बदल दिए जाएंगे।
स्वीप-इन एफडी के लाभ
- उच्च ब्याज दर: बचत खाते की तुलना में एफडी पर अधिक ब्याज मिलता है, जिससे आपकी बचत पर बेहतर रिटर्न सुनिश्चित होता है।
- तरलता: आवश्यकता पड़ने पर आप अपनी राशि आसानी से निकाल सकते हैं, जिससे वित्तीय आपात स्थितियों में सहायता मिलती है।
- स्वचालित प्रक्रिया: अतिरिक्त राशि को एफडी में बदलने की प्रक्रिया स्वचालित होती है, जिससे आपको अतिरिक्त प्रयास नहीं करना पड़ता।
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ध्यान देने योग्य बातें
- न्यूनतम बैलेंस: स्वीप-इन एफडी सेवा सक्रिय करने के लिए, आपके खाते में न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता होती है, जो बैंक के अनुसार भिन्न हो सकती है।
- पूर्व-परिपक्वता पर जुर्माना: यदि आप एफडी को परिपक्वता से पहले तोड़ते हैं, तो बैंक जुर्माना लगा सकता है।
- बार-बार निकासी से बचें: नियमित खर्चों के लिए एफडी राशि का उपयोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे ब्याज आय में कमी हो सकती है।
स्वीप-इन एफडी उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है जो बचत खाते की तरलता और एफडी की उच्च ब्याज दर दोनों का लाभ उठाना चाहते हैं। हालांकि, निवेश करने से पहले इसके नियम और शर्तों को समझना आवश्यक है ताकि आप सूचित निर्णय ले सकें।