Ladli Behna Yojana : लाड़ली बहना योजना ने जीवन किया आसान, बढ़ गई आर्थिक आत्मनिर्भरता

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Ladli Behna Yojana : मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना न केवल मध्यप्रदेश की, बल्कि देश की सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक बन गई है। इस योजना ने हितग्राही महिलाओं का सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण बदला है। समय पर खातों में पैसे आने से सभी प्रकार की आर्थिक गतिविधियों का प्रबंधन करना भी लाड़ली बहनों के लिए आसान हो गया है। पहले जहां उन्हें छोटी-छोटी सी बातों के लिए भी सोचना पड़ता था, वहीं अब ऐसी कोई बात नहीं रह गई है। सबसे बड़ी बात कि उनकी आर्थिक चिंताएं ही खत्म हो गई हैं।

मंडीदीप निवासी सीमा भावर बताती हैं कि हर महीने समय पर रुपए खाते में आ जाते हैं। घर के छोटे-छोटे खर्चे वे इससे पूरा कर लेती हैं और इसमें भी बचत करके रुपए जोड़ने की कोशिश करती हैं। सीमा बताती हैं कि इन रुपयों से घर चलाने में मदद मिल जाती है। अचानक आने वाले किसी भी खर्च से अब डर नहीं लगता क्योंकि उन्हें योजना से मिली राशि से हिम्मत बनी रहती है।

रायसेन जिले की ग्राम बड़ौदा निवासी गायत्री बाई कहती हैं कि लाड़ली बहना योजना से मिली राशि जरूरत में काम आती है। टाइम पर मिलने से इसके हिसाब से खर्च कर लेते हैं। रिश्तेदारी में आने जाने में भी इससे सहूलियत हो जाती है। वे बताती हैं कि बिना नागा हर महीने समय पर पैसा खाते में आ रहा है।

रायसेन के ही वार्ड 4 निवासी शिवकुमारी अहिरवार कहती हैं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भाई की तरह चिंता करने वाले हैं, हमें पता होता है अगले महीने 10 तारीख को हमें 1250 रुपए मिलेंगे। वहीं के वार्ड 7 गभोई पुरा निवासी श्रीमती रुबीना बी इस योजना को सरकार से घर चलाने में मिलने वाली बड़ी सहूलियत मानती हैं। वे कहती हैं कि बिना भेद भाव के सभी बहनों को हर महीने 1250 रुपए खाते में सीएम भेज रहे हैं। हमें इन रुपयों से साग-सब्जी के साथ-साथ घर की जरूरत का दूसरा सामान लेने में मदद मिलती है। हर महीने थोड़े-थोड़े रुपए बचाकर रमजान के महीने में खर्च और फिर ईद पर खरीदी में भी हम इन पैसों का उपयोग करते हैं।

रायसेन की ही श्रीमती शीला पंथी स्कूल सत्र शुरू होने के समय पर बच्चों के लिए कॉपी-किताब और बाकी साल भर में बच्चों के कहने पर उन्हें टॉफी खिलौने इन रुपयों से खरीदती हैं। पति भूरा पंथी ऑटो चलाते हैं कभी आमदनी कम होती है तो लाड़ली बहना वाले रुपयों से घर खर्च में पति को सहयोग करती हैं। मोहल्ले की वे महिलाएं जो इस योजना का लाभ ले रही हैं, जब भी मिलती है अपने-अपने किस्से बताती हैं। सभी कहती हैं कि मुख्यमंत्री बहनों के हित में काम कर रहे हैं।

अर्जुन नगर निवासी मिश्री बाई इस योजना को सरकार का सहारा बताती हैं। मिश्री बाई कहती हैं कि हर महीने हमने इसमें से 500 रुपए बचाए। 17 किश्तें हमें मिल गई हैं। एक बड़ी राशि हमने हर महीने बचत करके जोड़ ली। जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग करेंगे। इसके अलावा हर महीने 750 रुपए भी घर खर्च में उपयोग होते हैं। बचत भी हो रही है। घर खर्च में मदद भी मिल रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव हर महीने हम बहनों के खाते में रुपए क्रेडिट करवा देते हैं।

पटेल नगर निवासी रानी के पति एक मल्टी में गार्ड हैं। रानी मानती हैं कि महिलाओं में योजना से आत्म-निर्भरता बढ़ी है। ताजपुर महल निवासी श्रीमती गीता बाई सराठे लाडली बहना योजना का लाभ पाकर बहुत खुश हैं। उनके पति लीला किशन स्कूल में काम करने के साथ साथ पुताई आदि का कार्य करते हैं। गीता बताती हैं कि घर में कोई नया सामान लेना हो या त्यौहार पर खर्च बढ़ जाए तो इन रुपयों से बहुत मदद मिल जाती है। न बीमारी का डर रहता है और न ही खर्चों की चिंता सताती है।

ग्राम खमरिया गंज गैरतगंज निवासी माला बाई कहती हैं कि लाड़ली बहना योजना ने परिवार को बहुत सहारा दिया है। पति किसान है और खेती में कभी नुकसान होने पर भी अब हम घर आसानी से चला लेते हैं। माला बाई खुद भी सिलाई का काम करती हैं। उनका कहना है पति की किसानी में मेहनत, हमारा सिलाई का काम और साथ में लाड़ली बहना की राशि सब मिलाकर हम परिवार के खर्चे अच्छे से पूरे कर लेते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की जितनी तारीफ करें, कम है।

ग्राम पंचायत कल्याणपुरा के ग्राम सेमरा की निवासी सीमा लोधी के पति राकेश लोधी का पिछले महीने देहांत हो गया। उनका कहना है मेरे 4 बच्चे हैं अभी आय का कोई सहारा नहीं है। लाड़ली बहना योजना की राशि से ही अभी घर चलाऊंगी। सीमा बताती हैं कि 17 महीने से हमें लाडली बहना योजना का लाभ मिल रहा है।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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