Inland taipan snake: रंग बदल लेता है यह खतरनाक सांप, है दुनिया का सबसे जहरीला स्नेक, कोबरा भी इसके आगे कुछ नहीं

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Inland taipan snake : सांप एक ऐसा प्राणी है जिसके नजर आते ही अच्छे-अच्छों की हालत खराब हो जाती है। इसके पीछे कारण भी है कि उनमें जहर होता है जो कि चंद पलों में ही इंसानों को मौत के मुंह में पहुंचा देता है। इसके अलावा यह बड़ी आसानी से रिहायशी इलाकों और घरों के भीतर तक आ जाते हैं। यही कारण है कि अन्य कई खतरनाक जंगली प्राणियों की तुलना में सांपों से इंसानों को ज्यादा खतरा होता है।

दुनिया भर में सांपों की हजारों प्रजातियां पाई जाती है। इनमें कई तो बेहद खतरनाक और जहरीले होते हैं वहीं कई प्रजातियां ऐसी होती हैं जिनमें जरा भी जहर नहीं होता है। वे केवल कहलाने भर के लिए सांप होते हैं। हालांकि हर व्यक्ति को हर प्रजाति के बारे में जानकारी नहीं होती है। लिहाजा, उनका डरना स्वाभाविक ही है।

सांपों में से भी कुछ में ऐसी विशेषता या खासियत होती है जिन्हें विलक्षण या दुर्लभ कहा जा सकता है। ऐसी ही एक विलक्षण विशेषता वाला सांप होता है इनलैंड ताइपन। इसका वैज्ञानिक नाम ऑक्सीयूरेनस माइक्रोलेपिडोटस है। वहीं इसे फियरस स्नेक भी कहते हैं। इस सांप की खासियत यह है कि यह अपना रंग मौसम के अनुसार बदल सकता है। सांपों की यह इकलौती प्रजाति होती है, जो ऐसा कारनामा कर सकती है।

कई जगह काम आती है इसकी यह विशेषता

बताया जाता है कि यह सांप अपना रंग बदलकर हल्के भूरे रंग से लेकर गहरे भूरे, हरा और पीले रंग तक का हो सकता है। यह सांप सर्दियों के मौसम में गहरा भूरा, काला या हरे रंग का हो जाता है। इससे यह सूरज की गर्मी को ज्यादा अवशोषित कर ठंड में अपने शरीर का तापमान अनुकूल बनाए रखता है। वहीं गर्मियों में इसका रंग हल्का भूरा या जैतूनी हो जाता है। इससे वह अत्यधिक गर्मी का असर कम कर लेता है। ऐसा करके यह खुद को पेड़ हो या जमीन पर उगी घास, पौधों या झाड़ियों के बीच बड़ी आसानी से छिपा भी लेता है और अपने शिकार को गच्चा दे देता है।

स्वाभाव से होता शर्मीला, बस्ती से रहता दूर

जानकारों के अनुसार यह सांप दुनिया में सबसे ज्यादा जहरीला होता है। इसे यूं भी कह सकते हैं कि यह इतना जहरीला होता है कि कोबरा इसके सामने कुछ नहीं है। इनलैंड ताइपेन सांप का जहर एलडी50 श्रेणी का होता है। यह जहर इतना ज्यादा खतरनाक होता है कि एक निश्चित समय के भीतर 100 लोगों को एक साथ मौत के मुंह में पहुंचा सकता है। सबसे जहरीला होने के बावजूद यह स्वभाव से बेहद शर्मीला होता है और आक्रामक नहीं होता है। यह मानव संपर्क से बचता है तथा मानव बस्तियों से दूर रहता है। यह आमतौर पर अपने बचाव में ही हमला करता है।

इस देश में पाया जाता है इनलैंड ताइपन

इनलैंड ताइपन सांप मुख्य रूप से आस्ट्रेलिया में पाया जाता है। यह वहां क्वींसलैंड और दक्षिणी आस्ट्रेलिया की अर्ध शुष्क और शुष्क घास के मैदानों या चट्टानी क्षेत्रों में रहता है। यह मिट्टी की दरारों और बिलों में पाया जाता है। यह अपने प्राकृतिक आवास में विशेष रूप से चूहों और छोटे स्तनधारियों का शिकार करता है।

इन्हें भी कहते हैं रंग बदलने वाला सांप

इनलैंड ताइपन के अलावा सांगो रेसर या गिरगिट सांप को भी रंग बदलने वाला सांप कहा जाता है। हालांकि इनलैंड ताइपन की तरह इसमें वास्तव में रंग बदलने की क्षमता नहीं होती है बल्कि अलग-अलग प्रकाश और दृष्टिकोण में यह अलग-अलग रंग का दिखाई देता है। कुछ सांपों की त्वचा का रंग उनके पर्यावरण या मौसम के अनुसार बदलता है, जिससे वे छिपने या शिकारियों से बचने में सक्षम होते हैं। इनमें पिंट वाइपर और कुछ प्रकार के गार्टनर स्नेक भी शामिल किए जा सकते हैं।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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