बीमा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन होने जा रहा है। बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे 1 मार्च से ‘बीमा-ASBA’ सुविधा शुरू करें। इस सुविधा के तहत, पॉलिसीधारक अपने बैंक खाते में प्रीमियम राशि को ब्लॉक कर सकेंगे, जो पॉलिसी जारी होने पर ही कटेगी।
क्या है बीमा-ASBA?
‘बीमा-ASBA’ (Application Supported by Blocked Amount) एक नई प्रक्रिया है, जिसमें ग्राहक अपने बैंक खाते में बीमा प्रीमियम की राशि को सुरक्षित (ब्लॉक) कर सकते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि राशि खाते में उपलब्ध रहेगी, लेकिन भुगतान पॉलिसी जारी होने के बाद ही होगा। यह सुविधा शेयर बाजार में IPO के लिए राशि ब्लॉक करने की प्रक्रिया के समान है, जहां आवंटन होने पर ही राशि काटी जाती है।
नए नियमों के लाभ
नए नियमों के अनुसार, बीमा प्रस्ताव स्वीकार करने का निर्णय ग्राहक को सूचित करने के बाद ही प्रीमियम का भुगतान किया जाना चाहिए। इससे ग्राहकों को यह लाभ होगा कि उनकी राशि तब तक खाते में बनी रहेगी जब तक पॉलिसी जारी नहीं हो जाती। इसके अलावा, लेनदेन को सुगम बनाने के लिए कंपनियों को UPI वन टाइम मैंडेट (UPI-OTM) का उपयोग करने की अनुमति दी गई है।
गिग वर्कर्स के लिए स्वास्थ्य योजना का विस्तार
इसके साथ ही, अस्थायी कर्मचारियों (गिग वर्कर्स) को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जून से मिलने की संभावना है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस पर कार्य शुरू कर दिया है। e-Shram पोर्टल पर पंजीकृत अस्थायी कर्मचारियों को कार्ड जारी किए जाएंगे, जिनके माध्यम से वे चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
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इसके अतिरिक्त, श्रम मंत्रालय इन कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से संबंधित सेवाओं का लाभ प्रदान करने की दिशा में भी कार्य कर रहा है। इससे गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा और उनकी वित्तीय स्थिरता में सुधार होगा।
इन परिवर्तनों से बीमा क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहकों का विश्वास मजबूत होगा। साथ ही, अस्थायी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलने से उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा।