Ban on alcohol MP: मध्यप्रदेश में एक अप्रैल से एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। प्रदेश के 17 शहरों और पंचायतों में कल एक अप्रैल से शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लग जाएगा। इसके साथ ही इन स्थानों पर वर्तमान में चल रही दुकानों पर आज आधी रात से ताले लटक जाएंगे। जिन स्थानों पर शराब की बिक्री प्रतिबंधित की गई है, वे सभी धार्मिक नगरी हैं।
गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा की थी कि प्रदेश के सभी धार्मिक नगरों पर शराब बिक्री को प्रतिबंधित किया जाएगा। उनकी घोषणा के अनुरूप ही नई आबकारी नीति भी बनाई गई है। यह नीति कल 1 अप्रैल से लागू हो जाएगी। इसके तहत इन 17 प्रमुख धार्मिक नगरों में स्थित सभी 47 दुकानें भी आज रात से बंद हो जाएगी।
इन नगरों में शराब बिक्री प्रतिबंधित
प्रदेश सरकार के इस निर्णय को जिन क्षेत्रों में लागू किया जा रहा है उनमें सबसे प्रमुख उज्जैन नगर है। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित 17 दुकानें और 11 होटल-रेस्तरां भी बंद कर दिए जाएंगे। इनके अलावा दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, मैहर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, ओरछा, चित्रकूट, अमरकंटक आदि धार्मिक नगरों में भी शराब बिक्री नहीं होगी।
केवल नगर ही नहीं बल्कि ग्राम पंचायत स्तर के कई स्थान भी शराब बिक्री पर प्रतिबंध के दायरे में आएंगे। इन पंचायत क्षेत्रों में आने वाले प्रमुख धार्मिक स्थलों के कारण यह प्रतिबंध यहां भी प्रभावशील होंगे। इनमें सलकनपुर माता मंदिर, बरमान कलां, बर्मन खुर्द, कुंडलपुर, बांदकपुर आदि स्थान शामिल हैं।
धार्मिक वातावरण संरक्षित करना है उद्देश्य
मध्यप्रदेश में लागू नई शराब नीति का प्रमुख उद्देश्य मुख्य रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों के पास शराब की बिक्री पर रोक लगाना है। यह कदम इसलिए उठाया गया है कि उन स्थानों पर शराब की बिक्री नियंत्रित करने से धार्मिक वातावरण संरक्षित हो सकेगा क्योंकि इन स्थानों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति होती है।
पी सकेंगे, लेकिन खुलेआम नहीं
इन नगरों में शराब की बिक्री जरुर प्रतिबंधित हुई है, लेकिन ऐसा नहीं है कि लोग शराब का सेवन भी नहीं कर पाएंगे। लोग अपना शौक पूरा करने के लिए अन्य स्थानों से शराब खरीद कर ला सकेंगे और उसे अपने घर में रखना तथा घर में ही पीना होगा। लोग खुलेआम शराब नहीं पी सकेंगे।