MP Employee News : श्रमिक संगठन बोले- मप्र के कर्मचारियों को जल्द दिया जाएं अप्रैल से एरियर और बढ़ा हुआ वेतन

By
On:

MP Employee News: मध्यप्रदेश की सीटू यूनियन और अन्य श्रमिक संगठनों ने सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की है। सीटू के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कुन्दन राजपाल और डब्ल्यूसीएल सीटू यूनियन के अध्यक्ष जगदीश डिगरसे ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि प्रदेश सरकार को अदालत के फैसले का तुरंत पालन करना चाहिए और अप्रैल 2024 से बढ़ी दरों का एरियर्स सहित बढ़े हुए वेतन का भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए।

इस आंदोलन में सीटू के जिला संयोजक डीके दत्ता, एमआर यूनियन के सचिव पंकज साहू, उपाध्यक्ष राजेन्द्र राठौर और कोषाध्यक्ष दिव्येश शुक्ला ने भी भाग लिया। डब्ल्यूसीएल सीटू यूनियन के महासचिव जी रामन्ना, कामरेड कामेश्वर राय, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन सीटू की जिला अध्यक्ष सुनीता राजपाल व महासचिव पुष्पा वाईकर ने भी इस मांग को समर्थन दिया।

जल्द लागू नहीं हुआ फैसला तो आंदोलन

इसके अलावा, ऑटो चालक एकता यूनियन सीटू के जिला अध्यक्ष मनोहर आठनकर, महासचिव शेख वकील और कार्यकारी अध्यक्ष अमित तिवारी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी ने सरकार से न्यायालय के फैसले को शीघ्र लागू करने और मेहनतकशों के हक में काम करने की अपील की। उन्होंने साफ कहा कि जल्द फैसला लागू नहीं हुआ तो यह आंदोलन और व्यापक होगा। मेहनतकशों के हक की यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।

हर महीने मिलना है बढ़ा हुआ वेतन

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के लाखों कर्मचारियों के लिए हाल ही में राहत की खबर आई है। उनके हित में प्रदेश में एक बड़ा फैसला हुआ है। जिससे उन्हें हर महीने वेतन के रूप में तो 1800 से 2400 रुपये का फायदा होगा ही, यदि अप्रैल से एरियर दिए जाने की मांग भी मान ली गई तो उन्हें मोटी रकम प्राप्त होगी। जिससे उनका जीवन स्तर काफी सुधर जाएगा। इनमें आउटसोर्स कर्मचारी भी शामिल हैं।

सीटू संगठन ने लड़ी थी लंबी लड़ाई

यह संभव हो सका है श्रमिक वर्ग के लिए कार्य करने वाले संगठन सीटू के लगातार प्रयासों से। इस संबंध में सीटू के प्रदेश अध्यक्ष रामविलास गोस्वामी और महासचिव प्रमोद प्रधान ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने न्यूनतम वेतन पर लगाए गए स्टे को खारिज कर दिया है। अब हमारी सरकार और श्रम आयुक्त से मांग है कि 1 अप्रैल 2024 से श्रमिकों का एरियर सहित भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

न्यूनतम वेतन लागू करने की घोषणा

उन्होंने बताया कि सीटू ने मजदूरों के अधिकार के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। 10 साल बाद वेतन पुनरीक्षण समिति की सिफारिशों के आधार पर अप्रैल 2019 की जगह अप्रैल 2024 से न्यूनतम वेतन लागू करने की घोषणा हुई थी। लेकिन कुछ कारखाना मालिकों ने इसका विरोध करते हुए हाई कोर्ट से स्टे ले लिया था।

सीटू ने लड़ी लड़ाई-प्रदर्शन भी किए

सीटू ने इसके खिलाफ पूरे प्रदेश में जिलाधीश और श्रम विभाग के कार्यालयों पर प्रदर्शन किए और इंदौर हाईकोर्ट में मजदूरों की ओर से पक्ष रखा। सीटू के अधिवक्ता बाबूलाल नागर ने हाई कोर्ट में मजदूरों का मजबूत पक्ष रखते हुए न्यूनतम वेतन की आवश्यकता पर जोर दिया।

इनकी खंडपीठ ने किया स्टे खारिज

उन्होंने आगे बताया कि न्यायमूर्ति विवेक रुसिया और गजेंद्र सिंह की खंडपीठ ने स्टे को खारिज करते हुए मजदूरों के पक्ष में फैसला सुनाया। इस फैसले से मजदूरों को प्रति माह 1800 से 2400 रुपये तक की वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। इसमें विभिन्न कारखानों और सरकारी क्षेत्र में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी शामिल हैं।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

सुझाव,शिकायत के लिए हमसे संपर्क करे - betulupdate@gmail.com

अन्य खबरें

Leave a Comment