Minimum Wage Increase Order: मध्यप्रदेश के लाखों कर्मचारियों और श्रमिकों की जल्द ही बल्ले-बल्ले होने वाली है। न्यूनतम वेतन बढ़ाने और 9 महीने के एरियर भुगतान के आदेश किसी भी पल मध्यप्रदेश के श्रम आयुक्त कार्यालय से जारी हो सकते हैं। दरअसल इसके लिए सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। यह आदेश जारी करवाने के लिए भी सीटू द्वारा लगातार कोशिशें की जा रही हैं। इसी कड़ी में अब सीटू ने श्रमायुक्त कार्यालय पर डेरा डालो, घेरा डालो आंदोलन किये जाने की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण में हो रही देरी को लेकर सीटू ने प्रदेश सरकार और श्रमायुक्त कार्यालय पर दबाव बनाते हुए श्रमिकों के हित में निर्णायक कदम उठाए हैं। सीटू के प्रदेश नेताओं ने 6 जनवरी को श्रम विभाग के प्रमुखों को उच्च न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी किया, जिसके बाद सरकार हरकत में आई।
सीटू के प्रदेश महासचिव कामरेड प्रमोद प्रधान और वरिष्ठ अधिवक्ता बाबूलाल नागर के नेतृत्व में जारी नोटिस में कहा गया कि माननीय उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने 3 दिसंबर 2024 को स्थगन समाप्त कर 1 अप्रैल 2024 से बढ़ी हुई दरों का भुगतान सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। बावजूद इसके, श्रमायुक्त कार्यालय द्वारा अब तक आदेश जारी नहीं किया गया।
सीटू के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड रामविलास गोस्वामी और महासचिव कामरेड प्रमोद प्रधान ने बताया कि 8 जनवरी 2025 को महाधिवक्ता कार्यालय ने श्रमायुक्त को स्पष्ट अभिमत देते हुए कहा कि बढ़ी हुई दरों के भुगतान के आदेश जारी किए जाने चाहिए। बावजूद इसके, श्रमिकों को एरियर सहित भुगतान की प्रक्रिया लंबित है।
सीटू बैतूल जिला समिति के नेताओं कामरेड कुंदन राजपाल, कामरेड डी के दत्ता, डब्ल्यूसीएल सीटू यूनियन के अध्यक्ष कामरेड जगदीश डिगरसे, एमआर यूनियन के जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर, सचिव पंकज साहू, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन की जिलाध्यक्ष सुनीता राजपाल और महासचिव पुष्पा वाईकर शामिल हैं। इन्होंने जारी बयान में कहा कि यदि तुरंत आदेश जारी नहीं हुआ तो श्रमायुक्त कार्यालय पर डेरा डालो, घेरा डालो आंदोलन किया जाएगा।
सीटू के नेताओं ने भाजपा सरकार और उद्योगपतियों पर आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे को कानूनी दांवपेच में उलझाकर श्रमिकों के हक को रोक रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीटू के प्रयासों से उच्च न्यायालय का आदेश प्राप्त हुआ, लेकिन सरकार इसे लागू करने में लगातार लापरवाही बरत रही है। अब सीटू ने श्रमायुक्त कार्यालय से तुरंत आदेश जारी करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन को मजबूती से आगे बढ़ाया जाएगा।
आदेश जारी होते ही श्रमिकों को होगा यह लाभ
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने न्यूनतम वेतन पर लगाए गए स्टे को खारिज कर दिया था। इस फैसले से मजदूरों को प्रति माह 1800 से 2400 रुपये तक की वेतन वृद्धि का लाभ मिलना है। इसमें विभिन्न कारखानों और सरकारी क्षेत्र में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी शामिल हैं। सीटू के प्रदेश अध्यक्ष रामविलास गोस्वामी और महासचिव प्रमोद प्रधान ने सरकार और श्रम आयुक्त से मांग की है कि 1 अप्रैल 2024 से श्रमिकों का एरियर सहित भुगतान भी सुनिश्चित किया जाएँ। आदेश जारी होते ही कर्मचारियों का एक ओर जहाँ वेतन बढ़ेगा वहीं 9 माह के एरियर के रूप में 16200 से 21600 रूपये भी प्राप्त होंगे। इससे वे अपने जरुरी कार्य कर सकेंगे।