EPFO Wage Limit Hike : नया साल शुरू होने को हैं। नए साल से हर वर्ग उन्हें सौगात मिलने की उम्मीद लगाए हुए हैं। अब वैसे भी सरकारी क्षेत्र में नौकरियों के अवसर कम होते जा रहे हैं और अधिकांश लोग निजी सेक्टर में नौकरी करके अपना गुजरबसर कर रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों के लिए तो वेतन आयोग और अन्य कई तरह की सुविधाओं के प्रावधान होते हैं और इनका लाभ भी उन्हें मिलता ही रहता है। इसके विपरीत निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को इन सबसे महरूम ही रहना होता है।
निजी कर्मचारियों को सरकार की ओर से जो सुविधाएं मिलती हैं वे केवल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के माध्यम से ही मिल पाती है। हालांकि इसमें भी एक लिमिट हैं। ऐसे में निजी क्षेत्र के कर्मचारी इन लिमिट्स में छूट की ही उम्मीद कर सकते हैं। इस बार उम्मीद की जा रही है सरकार द्वारा नए साल में यही सौगात प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को दी जाने वाली है। कर्मचारी भी इसे लेकर आशान्वित नजर आ रहे हैं।
अभी क्या है ईपीएफओ में बेसिक सैलरी
वर्ष 2014 से ईपीएफओ में बेसिक सैलरी लिमिट 15000 रुपये हैं। यह लिमिट साल 2014 से है। इतनी बेसिक सैलरी वालों को ही ईपीएफओ में शामिल किया जाता है और सुविधाएं प्राप्त होती है। लंबे समय से इस लिमिट को बढ़ाने की मांग की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि सरकार भी इस बार पेश होने वाले बजट में इस लिमिट को बढ़ाकर बड़ी सौगात दे सकती है। कहा जा रहा है कि इसे बढ़ाकर 21000 रुपये किया जा सकता है।
नए कर्मचारी भी हो सकेंगे शामिल
यदि यह लिमिट बढ़ती है तो 15000 रुपये से अधिक बेसिक सैलरी वाले नए कर्मचारी भी ईपीएफओ की योजनाओं का लाभ पा सकेंगे। सबसे बड़ा लाभ प्राइवेट कर्मचारियों की पेंशन पर पड़ेगा। अभी 15000 रुपये बेसिक सैलरी के आधार पर पेंशन की गणना होती है। यह लिमिट जैसे ही बढ़ेगी तो कर्मचारियों को पेंशन भी ज्यादा बन सकेंगे। यही कारण है कि कर्मचारी भी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं।
हाथ में कम आएगा पर बचत ज्यादा होगी
यदि यह बदलाव किया जाता है तो इसका बड़ा असर होगा। इससे कर्मचारियों को तुरंत में वेतन में थोड़ी कम राशि मिलेगी और ईपीएफओ में ज्यादा पैसा जमा होगा। इससे उनकी पेंशन भी ज्यादा बनेगी। कर्मचारी संगठनों का मानना है कि यदि यह लिमिट बढ़ाई जाती है तो कर्मचारियों को 2550 रुपये तक ज्यादा पेंशन प्राप्त हो सकेगी। इससे वृद्धावस्था में अपनी जरुरत पूरी करने उन्हें बड़ा सहारा मिल सकेगा।
पहले 6500 रुपये थी न्यूनतम वेतन सीमा
इससे पहले ईपीएफओ में शामिल होने के लिए बेसिक सैलरी 6500 रुपये थी। वर्ष 2014 में इसे बढ़ाकर 6500 रुपये से 15000 रुपये किया गया था। उसके बाद से इन 10 सालों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि ईपीएफओ में शामिल होने के बाद कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत ईपीएफओ खाते में जमा होता है। वहीं नियोक्ता के योगदान का 8.33 प्रतिशत ईपीएस में और शेष 3.67 प्रतिशत हिस्सा ईपीएफ में जमा होता है। सीमा बढ़ने से यह अंशदान भी बढ़ेंगे।